scriptइन्‍फोसिस में 2-3 साल रहें नीलेकणी, रवि को पद से हटाने की जरूरत : बालाकृष्‍णन | Nilekani should stay for 2-3 years and no need to remove Ravi from his post: Balkrishnan | Patrika News

इन्‍फोसिस में 2-3 साल रहें नीलेकणी, रवि को पद से हटाने की जरूरत : बालाकृष्‍णन

locationनई दिल्लीPublished: Aug 28, 2017 09:16:00 am

Submitted by:

manish ranjan

नीलेकणी को अपना उत्तराधिकारी उचित  तैयार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनी पेशेवर तरीके तरीके मैनेज्‍ड हो और दोबारा फेल न हो।

Nilekani and Balkrishnan

नई दिल्ली। इन्‍फोसिस के पूर्व सीएफओ वी. बालाकृष्‍णन ने कहा है कि नए चेयरमैन नंदन नीलेकणी को अपने पद पर 2-3 साल तक रहना चाहिए। उन्‍हें अपना उचित उत्‍तराधिकारी तैयार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनी पेशेवर तरीके तरीके मैनेज्‍ड हो और दोबारा फेल न हो। बालाकृष्‍णन अभी भी अपनी डिमांड पर अड़े हैं कि को-चेयरमैन से इंडिपेंडेंट डायरेक्‍टर बने रवि वेंक्‍टेशन को बोर्ड से इस्‍तीफा दें। बाला इन्‍फोसिस में कॉरपोरेट गवर्नेंस का स्‍तर गिरने के आरोप लगाते रहे हैं और उसका खुले तौर पर आलोचना करने वालों में शामिल रहे हैं।


बता दें, इन्फोसिस के पहले नॉन-फाउंडर सीईओ विशाल सिक्का ने शुक्रवार, 18 अगस्त को पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। सिक्‍का ने फाउंडर्स के साथ मतभेद को इसकी मुख्‍य वजह बताया था। बोर्ड ने इसके बाद एक बयान जारी किया था, जिसमें सिक्का के इस्तीफे के लिए मूर्ति के लगातार हमलों को जिम्मेदार ठहराया था। सिक्‍का के इस्‍तीफे के बाद इन्‍फोसिस चेयरमैन आर. शेषासयी और दो अन्‍य बोर्ड मेम्‍बर ने भी इस्‍तीफा दे दिया था। इसके बाद नंदन नीलेकणी की वापसी हुई।
बोर्ड का प्रयोग फेल हो गया


बालाकृष्‍णन ने बताया कि 2014 में प्रोफेशल तरीके से कंपनी चला रहे बोर्ड ने एक प्रयोग किया, जिसमें सीईओ ने फाउंडर्स की जगह ली लेकिन बोर्ड ने अच्छे तरह के काम नहीं किया, इसलिए यह प्रयोग फेल हो गया। इसलिए अब कोई भी प्रयोग दोबारा फेल नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि नीलेकणी को एक अच्‍छा चेयरमैन खोजने पर फोकस करना चाहिए जिससे कि जब भविष्‍य में पद छोड़े तो यह सुनिश्चित हो कि बोर्ड सुरक्षित हाथों में है। बालाकृष्‍णन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उन्‍हें 2-3 साल वहां रहना चाहिए क्‍योंकि उन्‍हें कई चीजें करनी है। बोर्ड को फिर से तैयार करना है, एक सीईओ बनाना है उसके साथ कुछ समय रहना है और एक चेयरमैन पोस्‍ट के लिए एक सक्‍सेशन प्‍लान तैयार करना है। पहले बोर्ड कमजोर था वह सही तरीके से कम्‍युनिकेशन में सक्षम नहीं था। बोर्ड ने बहुत निराश किया।

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