अदालत ने खारिज की घोसन की जमालत अर्जी
अदालत के इस फैसले के बाद घोसन ने एक बयान जारी कर कहा है कि का वह जापान में ही रहेंगे और जरूरी हुआ तो इलेक्ट्रिॉनिक टैग भी पहन लेंगे। इतना ही नहीं घोसन ने अपने तीन पासपोर्ट जमा करने, एक इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग उपकरण पहनने और जमानत की राशि बढ़ाने की भी बता कहीं थी। घोसन को अपने इस कदम के बाद ऐसा लग रहा था कि वो अदालत को इस बात के लिए मना लेगें कि उनका जापान से भागने का कोई इरादा नहीं था।
अदालत की शर्ते मानने के लिए तैयार घोसन
घोसन ने अदालत से खुद पर निगरानी के लिए सुरक्षा कर्मी रखने का भी वादा किया था। साथ ही घोसन का यह भी कहना था कि वह इस मामले से जुड़े किसी भी शख्स से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। इतना ही नहीं घोसन जमानत के लिए अदालत की सारी शर्ते मामने के लिए भी तैयार थे। लेकिन घोसन की ये कोशिश नाकाम रहीं। इन सबके बाद भी अदालत ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
इसलिए गिरफ्तार हुए घोसन
आपको बता दें कि अपनी आय को 2010 से 2015 के बीच पांच अरब येन यानी करीब 4.4 करोड़ डॉलर कम दिखाए जाने के चलते घोसन को गिरफ्तार किया गया है। जिसके बाद निसान मोटर्स ने उन्हें अपने निदेशक मंडल से बाहर कर चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया है। साथ ही घोसने पर ये भी आरोप है कि उन्होंने 1.6 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निजी निवेश घाटा जापान की कार निर्माता कंपनी को हस्तांतरित कर दिया था। जापानी कानून के अनुसार, किसी आरोपी को अलग-अलग आरोपों के लिए कई बार गिरफ्तार किया जा सकता है। यह अभियोजकों को लंबे समय तक उससे पूछताछ करने की अनुमति देता है।