क्या है बॉट और कैसे करता है काम
कई कंपनियों ने अपने यहां फर्स्ट लेवल की हायरिंग, रेज्यूमे दखने और खाली पदोंं पर उपयुक्त उम्मीदवारों को सेलेक्ट करने के लिए बॉट का प्रयोग करने लगी है। बॉट एक कंप्यूटर इंटेलिजेंस प्रोगाम है जो अब कंपनी को ह्यूमन रिसोर्स की हायरिंग में मदद करता है। ये बॉट उम्मीदवारों का फर्स्ट लेवल इंटरव्यू भी ले रहे हैं। खास बात ये है कि जो बात अभी कुछ साल पहले मात्र के सोच था वो अब हकीकत में बदल गया है और भारत की कुछ कंपनियां भी इसे अत्याधुनिक तकनीक को अपना रही है। इससे कंपनियों को न सिर्फ एक अच्छे उम्मीदवार चुनने में मदद मिल रहा बल्कि अपने कार्यकुशलता बढ़ाने में फायदेमंद साबित हो रहा है। इसके लिए कंपनियां एंगेजेफी और डिनो जैसे बॉट्स का इस्तेमाल कर रही हैं। ये कंपनियां इन बॉट्स का इस्तेमाल शेड्यूल बनाने, रिमाइंडर सेट करने, टाइम मैनेजमेंट, वेतन में कटौती जैसे कार्यों के लिए प्रयोग कर रही है। कुछ बॉट्स तो कार्यस्थल पर संतुष्टि बढ़ाने से लेकर कर्मचारियों से बातचीत करने तक के लिए प्रयोग हो रहे है।
इन कार्यो मेंं है दक्ष
ये बॉट्स कंपनियों में एचएआर के कामकाज और हायरिंग प्रक्रिया को अभूतपूर्व तरीके से बदल रही है। इसके लिए कई एचआर सॉल्यूशंस कंपनियां भी अपने क्लाइंट्स की जरूरत के मुताबिक उम्मीदवार की लिस्ट तैयार कर रही है। ये बॉट्स सीधे तौर पर उम्मीदवारों से संपर्क तक कर रही है। ये बॉट्स कंप्यूटर को एक कदम आगे ले जाने के लिए नैचूरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग को समझने तक में सक्षम है। इसके साथ ये बॉट्स ये भी जानते है कि नियोक्ता की क्या जरूरत है और किस उम्मीदवार को क्या ऑफर करना है।
कंपनियों को मिल रही सहूलियत
इन बॉट्स के प्रयोग से नियोक्ता की निपुणता में 20-25 फीसदी का इजाफा हुआ है। ये भी उम्मीद लगाया जा रहा है कि भविष्य में ये बॉïट्स अभी और दक्ष हो जाएंगे। इसके इस्तेमाल से नियोक्ता कम समय में अपने लिए उपयुक्त उम्मीदवार चुन लेता है। वहीं कंपनी द्वारा एचआर पर खर्च होने वाली भारी भरकम राशि में कटौती होगा।