3,000 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा
इस कदम के एक सप्ताह पहले ही उन्होंने टाटा संस तथा अन्य के खिलाफ 3,000 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। आपराधिक मुकदमे में वाडिया ने आरोप लगाया है कि सभी आरोपियों ने व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से उनकी मानहानि के इरादे से गलत, ओछी, निराधार, अपमानजनक तथ्यों का प्रकाशन तथा वितरण किया, जिससे सही सोचने वाले लोगों के बीच उनकी प्रतिष्ठा व छवि धूमिल हुई।
उन्होंने कहा कि टाटा समूह की तीन कंपनियों से उन्हें बाहर निकालने के लिए टाटा संस के लेटरहेड पर विशेष नोटिस भेजा गया, जिसपर मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) तथा कंपनी सचिव एफ.एन. सुबेदार के हस्ताक्षर हैं, इसलिए मानहानि की सामग्री प्रकाशित करने तथा उसे फैलाने को लेकर आरोपियों के नामों को मानहानि के लिए जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
वाडिया ने अदालत से अनुरोध किया कि मुकदमे में जिन आरोपियों के नाम लिए गए हैं, उनके द्वारा किए गए अपराध पर वह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की निश्चित धाराओं के तहत संज्ञान ले।