बेहतर प्रणाली विकसित करना लक्ष्य
इस निवेश को लेकर ओला ने अपने बयान मे कहा है कि, इस चरण मे सॉफ्टबैंक और अमेरीका के वित्तीय निवेशक के अलावा टेनसेंट की भी भागीदारी देखी गई। ओला के एक अधिकारी के मुताबिक, हमारा लक्ष्य भारत में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा और भविष्य के अनुकूल परिवहन प्रणाली विकसित करना है, जो देश के विकास मे मदद करेगी। उन्होने आगे कहा कि, हमारे नए साझेदारों ने भारत मे भविष्य की परिवहन प्रणाली विकसित करने के हमारे जुनून को सहारा मिला है और आगे हम साथ मिलकर उनके वैश्विक दृष्टिकोण का लाभ उठाने और उनसे सीख लेने के लिए तत्पर हैं।
विस्तार और तकनीक पर खर्च होगा ये रकम
ओला ने बताया है कि, इस पूंजी से हम विस्तार और तकनीक पर रणनीतिक निवेश करेंगे जिससे की हमे भरपूर मदद मिल सके । इसका एक बड़ा हिस्सा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और स्कील डेवलमेंट पर निवेश किया जाएगा, जिससे की मोबिलिटी को बुनियादे ढांचे की कमी, महानगरों में भारी यातायात आदि समस्याओंं से निपटने में सहायत मिले। ओला ने आगे 1 अरब डॉलर के निवेश के लिए अन्य निवशकों से बातचीत जारी रखेगी।
उबर में निवेश करने वाली थी ओला
आपको बता दें कि, इस जापानी कंपनी ने चीन में दीदी चुशिंग और साउथइस्ट एशिया में ग्रैब टैक्सी में भी निवेश किया है। सॉफ्टबैंक ने भारत मे इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य को देखते हुए ओला से इसे क्षेत्र में भी अहम भूमिका अदा करने को कहा है। इसके लिए साफ्टबैंक के संस्थापक मासायोशी सन ने भी अपनी खास दिलचस्पी दिखाई है। ओला में ये निवेश एक ऐसे समय पर आया है जब सॉफ्टबैंक उबर को में अपने बड़े निवेश को अंतिम रूप देने जा रही थी। जो कि ओला की सबसे बड़ी प्रतिद्ववंदी कंपनी है। जानकारों ने अनुमान लगाया है कि, इस जापानी फर्म के अलावा कुछ अन्य निवेशक 68 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 1 से 1.25 अरब डॉलर का निवेश कर सकती है।