कैसे डूबता गया अरबों का प्लेबॉय
प्लेबॉय के पहला इश्यू दिसंबर 1953 जिसकी करीब 53 हजार से ज्यादा कॉपी बिकी थीं। इसके बाद इस मैगजीन को काफी ज्यादा पसंद किया गया। इसका सर्कुलेशन 1972 में चरम पर पहुंच गया। 1972 के दौरान प्लेबॉय की 70 लाख कॉपियां बिकती थीं। साल 2015 आते आते मैगजीन की सेल 8 लाख कॉपी बिकने लगी। प्लेबॉय ने सोशल मीडिया के प्लैटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने के लिए अपने कंटेंट से भी समझौता किया है।
ऐसे बढ़ता गया घाटा
लेकिन धीरे धीरे प्लेब्वॉय कंपनी की बिक्री में गिरावट आनी शुरु हो गई। जिसकी वजह से मैगजीन का घाटा बढ़ता गया। फिर कंपनी ने मैंगनीज को बेचने के लिए एक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर भी नियुक्त किया। हैफनर ने माना कि आज के युग में आसानी से ऑनलाइन पॉर्न तक पहुंच होने की वजह से प्लेबॉय नई इमेज गढ़ने के बारे में विचार कर रही है। इसके बाद कंपनी ने अपने ट्रेडमार्क फोटो को भी हटाने का फैसला लिया था। जिसके चलते कंपनी की सेल्स को और ज्यादा नुकसान हुआ। कंपनी पर घाटे के बोझ को देखते हुए प्लेबॉय मैनसन को बेचने का फैसला किया गया।
अपने ही घर में किराए पर रहे हेफनर
प्लेबॉय मैनसन को खरीदने वाले उनके पड़ोसी डेरेन मोलिस ने हैफनर के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट किया। इस कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक हैफनर जब तक चाहें, इस मैनसन में एक किराएदार के तौर पर रह सकते थे। लिहाजा अपने अंतिम समय में हैपनर अपने ही घर में किराए पर रहे। हैफनर ने 1000 डॉलर का लोन लेकर इस मैगजीन को शुरु किया था।