वित्तीय संकट से जूछ रही है जेट एयरवेज
उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज फिलहाल बड़े वित्तीय संकट की दौर से गुजर रही है। इस विमान कंपनी को लगातार अपनी उड़ानें रद्द कर रही है। हाल ही में कंपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी रद्द करने का फैसला लिया है। कंपनी ने यह कदम नियामकीय फाइलिंग में विमानों के पट्टे की भुगतान नहीं कर पाने के बारे में जानकारी देने के बाद उठाया है।
जेट ऐयरवेज को रद्द करना पड़ा अंतरराष्ट्रीय उड़ानें
गौरतलब है कि जेट एयरवेज के कुल विमानों की संख्या में करीब 90 फीसदी की कमी आई है। कंपनी के पास संचालन तक के पैसे नहीं बचे हैं। मार्केट कैप के मामले में देश की सबसे बड़ी विमान कंपनियों में से एक जेट ऐयरवेज ने 10 अंतराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना पड़ा। गत जनवरी माह में कंपनी के पास कुल 120 विमाों की फ्लीट थी जो अब घटकर 20 से भी कम हो गई है।
जेट एयरवेज पर है करीब 1 अरब डॉलर का कर्ज
1990 तक भारत में सरकारी विमान कंपनी एअर इंडिया लिमिटेड ( air india ) का ही वर्चस्व था जिसके बाद जेट एयरवे ने प्राइवेट सेक्टर के विमानन क्षेत्र में आगाज किया था। इसके देश के विमान क्षेत्र में इस कंपनी ने भी अपना लोहा मनवाया। जेट एयरवेज के बाद ही भारत में प्राइवेट विमान कंपनियों का रास्ता खुला और कई किफायती कंपनियों ने बाजार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। नरेश गोयल ( naresh goyal ) द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज पर करीब 1 अरब डॉलर का कर्ज है। बीते दिनों में कंपनी लगातार बैंकों, कर्मचारियों और पट्टे कंपनियों को भुगतान करने में नाकाम रही है।
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