scriptलाभ कमाने वाली पीएसयू उठाएगी बीमारू कंपनियों को बचाने की जिम्मेदारी | Profitable PSU will be responsibility to save sick companies | Patrika News

लाभ कमाने वाली पीएसयू उठाएगी बीमारू कंपनियों को बचाने की जिम्मेदारी

Published: May 05, 2019 09:59:24 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

सीपीएसई को सरकारी हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की जाएगी
सरकार ने निवेशकों को 51 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी
डीआईपीएएम ने 35 पीएसयू में रणनीतिक बिक्री की योजना बनाई

CPSE

लाभ कमाने वाली पीएसयू उठाएगी बीमारू कंपनियों को बचाने की जिम्मेदारी

नई दिल्ली। बेहतर वित्तीय स्थिति वाली सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ( सीपीएसई ) अब बीमारू कंपनियों को बचाने के लिए सरकार के रणनीतिक बिक्री कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, क्योंकि निजी क्षेत्र की दिलचस्पी काफी कम रही है। निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ( डीआईपीएएम ) के अधिकारियों ने बताया कि सरकार की अधिक हिस्सेदारी वाली कंपनियों की बिक्री के अगले दौर में इच्छुक सीपीएसई को सरकारी हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि बिक्री की जटिल प्रक्रिया की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इस प्रक्रिया का आखिर में कोई नतीजा नहीं मिल पाया है।

यह भी पढ़ेंः- चुनाव के दौरान विदेशी निवेशकों को नहीं भा रहा भारतीय बाजार, मई में निकाले 1,255 करोड़

सूत्रों ने बताया कि डीआईपीएएम हाल ही में गेल और आईएलएंडएफएस की सहायक कंपनियों के बीच हुए 4,800 रुपये के सौदे से उत्साहित है। इस सौदे में आईएलएंडएफएस की सहायक कंपनियों की 874 मेगावाट की चालू पवन परियोजना का अधिग्रहण किया गया। अधिकारियों का मानना है कि अगर ऐसी ही प्रक्रिया कुछ अन्य सीपीएसई के लिए अपनाई जाती है तो बिक्री की प्रक्रिया न सिर्फ सुचारु हो जाएगी, बल्कि सरकार को अपने शेयरों का बेहतर मूल्य भी मिल सकता है।

यह भी पढ़ेंः- मार्क जकरबर्ग का नया प्लान, Facebook के बाद अब वॉट्सऐप पे का भी ले पाएंगे मजा

सरकार की रणनीतिक बिक्री की पहल आगे नहीं बढ़ पाई है क्योंकि यह योजना निवेशकों को आकर्षित करने में विफल रही। हालिया मामला पवन हंस की बिक्री का है जिसमें सरकार ने पिछले महीने निवेशकों को अपनी पूरी 51 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी। पिछले साल, एयर इंडिया के विनिवेश की कोशिश भी बोलीदाताओं के अभाव में विफल रही। इसी प्रकार, पहले भी स्कूटर्स इंडिया जैसी अन्य घाटे वाली कंपनियों की बिक्री का प्रयास विफल रहा। स्कूटर्स इंडिया का लोकप्रिय ब्रांड विक्रम तिपहिया वाहन है।

यह भी पढ़ेंः- विदेशी संकेतों और तिमाही नतीजों पर निर्भर करेगी शेयर बाजार की चाल

नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक पूर्व कैबिनेट सचिव ने कहा, “कई बीमारू और घाटे वाली सीपीएसई संचालन बंद होने और अत्यधिक मानवशक्ति के कारण संकट में हैं। कंपनी को रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया में शामिल करने से पहले अगर किसी तरह इस समस्या का समाधान होता है तो मूल्यांकन ऊंचा हो जाएगा।” डीआईपीएएम ने 35 पीएसयू में रणनीतिक बिक्री की योजना बनाई है जिनमें एयर इंडिया, एयर इंडिया की सहायक कंपनी एआईएटीएसएल, ड्रेजिंग कारपोरेशन, बीईएमएल, स्कूटर्स इंडिया, भारत पम्प्स कंप्रेसर्स और स्टील की प्रमुख कंपनी सेल की भद्रावती, सलेम और दुर्गापुर स्थित इकाइयां शामिल हैं।

यह भी पढ़ेंः- केवल ऑपरेटरों के ऑडिट के लिए TRAI ने की BECIL की नियुक्ति

उल्लेखनीय है कि इनमें कई कंपनियों के पास व्यापक भूमि बैंक है जिसका उपयोग इन्हें खरीदने वाली कंपनियां अपने कार्य विस्तार के लिए कर सकती हैं। इंडियन ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल्स लि. ( आईडीपीएल ) के पास ऋषिकेश में 834 एकड़ की भूमि है। इसी तरह स्कूटर्स इंडिया के पास लखनऊ के पास 150 एकड़ भूमि है।

 

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्‍ट्री, अर्थव्‍यवस्‍था, कॉर्पोरेट, म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो