एलआेयू की मदद से ही पीएनबी घोटाले को दिया अंजाम
एलआेयू की मदद से नीरव मोदी आैर मेहुल चौकसी ने मिलकर देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को अंजाम दिया। आरबीआइ ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून 1999 के तहत अधिसूचना जारी करते हुए सभी अधिकृत डीलरों को भारत में आयात करने के लिए किसी भी तरह का एलआयू नहीं दिया जाएगा। आपको याद दिला दें की इन दाेनों ने मिलकर पीएनबी से करीब 800 करोड़ रुपए का एलआेयू जारी करवाया था। बैंक के कुछ अधिकारियों से मिलीभगत के बाद से नीरव मोदी ने पहले एलआेयू की पेमेंट न करने की सूरत में भी कर्इ अन्यू एलआेयू जारी करवाया। जब इन एलआेयू की अवधि समाप्त हुआ तो दूसरे बैंको ने पीएनबी से रिपेमेंट की मांग की।
क्या है एलआेयू का मतलब
आपको बता दें की लेटर आॅफ अंडरटेकिंग बैंक द्वारा दिया गया एक बैंक गारंटी होता है जिसे आेवरसीज इंपोर्ट पेमेंट करने के लिए जारी किया जाता है। इसका मतलब ये है कि यदि लोन लेने वाला व्यक्ति लाेन नहीं चुका पाता तो इसके बाद एलआेयू जारी करने वाला बैंक सशर्त रकम ब्याज समेत चुकाता है। ये एलआेयू एक निश्चित अवधि के लिए की जारी किया जाता हैंं पीएनबी घोटाले के मामले में नीरव मोदी ने पीएनबी से कर्इ एेसे ही एलआेयू जारी करवाया था। इसी को आधार बनाकर उसने कर्इ विदेशों में कर्इ बैंक शाखाआें से पैसा लिया था।