19 मार्च थी अंतिम तारीख
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ऑरकॉम द्वारा एरिक्सन को पेनाल्टी इंटरेस्ट के साथ पूरी रकम चुकाने के लिए 19 मार्च अंतिम तारीख थी। फरवरी माह में एपेक्स कोर्ट ने अनिल अंबानी पर एरिक्सन को बकाया देने को लेकर अवमानना का आरोप लगाया था। साथ ही कोर्ट ने अनिल अंबानी के साथ-साथ रिलायंस इन्फ्राटेल की चेयरमैन छाया विरानी और रिलायंस टेलिकॉम के चेयरमैन सतीश सेठी को जेल जाने के लिए तैयार रहने को कहा था।
क्या था पूरा मामला
एरिक्सन और आरकॉम के बीच यह लड़ाई तब शुरू हुई थी जब इस स्विडिश कंपनी साल 2017 में बैंकरप्सी कोर्ट में पहुंची थी। कंपनी ने ऑरकॉम पर आरोप लगाया था कि आरकॉम ने 2003 की एक डील के लिए 1,500 करोड़ रुपए का बकाया नहीं चुकाया है। बाद में यह केस एनसीएलटी से निकलकर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्युनल गया। यहां भी सुनवाई से संतुष्टि न मिलने के बाद यह केस सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को 30 सितंबर व 15 दिसंबर 2018 की दो डेडलाइन दिया। इन दोनों डेडलाइन को आरकॉम ने मिस कर दिया।
आरकॉम पर है 46 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
इन डेडलाइन्स के मिस होने के बाद एरिक्सन ने आरकॉम पर अवमानना के तीन मामले दर्ज कराए। यह केस आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी और कंपनी की दो यूनिट्स के खिलाफ दर्ज कराया गया था। बता दें कि आरकॉम पर 46,000 करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ है। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इन्फोकॉम और कनाडा की मैनेजमेंट कंपनी ब्रुकफील्ड को अपनी संपत्ति बेचकर पैसे जुटाने वाले थे। आरकॉम का प्लान था कि इससे मिलने वाले 18 हजार करोड़ रुपए वह एरिक्सन समेत अन्य उधारकर्ताओं को चुकाएगी।