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करना पड़ सकता है कानूनी कार्रवाईयों का सामना
हाल ही में मुकेश अंबानी ने घोषणा किया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने रिटेल कारोबार को बढ़ाना चाहती है। मौजूदा समय में रिलायंस रिटेल की देशभर में कुल 9,900 से भी अधिक स्टोर्स है। वहीं दूसरी ओर रिलायंस की टेलिकॉम ईकाई के पास 28 करोड़ से भी अधिक ग्राहक हैं। कंपनी ने प्लान बनाया था कि इसी यूजर्स बेस की मदद से वो रिटेल कारोबार को बढ़ाएगी। ऐसे में अब आरआईएल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि यदि वो दोनों कंपनियों के बीच ग्राहकों का डेटा शेयर करती है तो उसे कानूनी कार्रवाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
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आड़े आ सकते हैं डेटा प्राइवेसी का नियम
गत मंगलवार को रिलायंस रिटेल लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी अश्विन कास्गीवाला ने कहा था कि दोनों कंपनियां अलग-अलग हैं। इसलिए डेटा प्राइवेसी के नियम बीच में आ सकते हैं। कंपनी की रिटेल कारोबार रिलायंस रिटेल के अंतर्गत आती है जबकि टेलिकॉम कारोबार रिलायंस जियो इन्फोकॉम के अंतर्गत आती है। ऐसे में दोनों कंपनियों को आपस में एक दूसरे के साथ डेटा नहीं शेयर कर सकती हैं। गौरतलब है कि कुछ साल पहले ही मुकेश अंबानी को ने डेटा के ‘नया तेल’ बताया था। साथ ही, बीते कुछ समय में अंबानी ने भारत में डेटा क्षेत्रीयकरण को लेकर भी मुखर रहे हैं।
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