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स्पेशल कोर्ट का फैसला: नोटबंदी के दौरान जमा 15 करोड़ बेनामी घोषित

locationनई दिल्लीPublished: Nov 26, 2017 05:39:19 pm

दिल्ली के एक बैंक के खाते में नोटबंदी के दौरान जमा हुए 15.39 करोड़ रुपए की रकम को बेनामी प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया है।

Benami Property
नई दिल्ली. दिल्ली के एक बैंक के खाते में नोटबंदी के दौरान जमा हुए 15.39 करोड़ रुपए की रकम को बेनामी प्रॉपर्टी घोषित कर दिया गया है। पिछले वर्ष 1 नवंबर से लागू नए बेनामी संपत्ति कानून के तहत ये पहला मामला है। विशेष अदालत का ये फैसला नए ब्लैकमनी कानून के तहत दर्ज मामलों के तहत पहले 5 मामलों में एक है। कोर्ट ने जमा हुई रकम को बेनामी तब घोषित किया जब पैसा जमा कराने वाले और उसका लाभ लेने वाले के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी। नए ब्लैकमनी कानून के तहत दर्ज मामलों के तहत बेनामी प्रॉपर्टी घोषित करने के पहले 5 मामलों में यह एक मामला है।
ऐसे हुआ खुलासा


आयकर विभाग को पिछल साल दिसंबर में दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा के एक खाते में 15.39 करोड़ रुपए कैश जमा होने की जानकारी मिली थी। आयकर विभाग ने ब्रांच का सर्वे किया और पता किया कि किसी रमेश चंद शर्मा नाम के व्यक्ति ने पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों में 15,93,39,136 रुपए जमा कराए हैं। रमेश चंद शर्मा ने यह पैसा 3 कंपनियों के जरिए जमा कराया था जिन कंपनियों का फर्जी होने का शक था।
पैसे निकालने को दिया डिमांड ड्राफ्ट फ्रीज

आयकर विभाग ने पाया कि पैसा जमा किए जाने के तुरंत बाद कैश को निकलवाने के लिए कुछ लोगों के नाम पर खाते से डिमांड ड्राफ्ट जारी किए गए हैं। तुरंत कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग ने डिमांड ड्राफ्ट को फ्रीज कर दिया और खाते में जमा रकम को भी अटैच कर दिया। जांच के दौरान न तो रमेश चंद शर्मा के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी, आयकर विभाग को रमेश चंद शर्मा की 2006-07 भरी गई एक आयकर रिटर्न के बारे में जानकारी मिली, लेकिन जो भी पता दिया गया था उसपर रमेश नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। पूरे मामले की जांच के बाद ही इस पैसे को बेनामी प्रॉपर्टी घोषित किया गया है।
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