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जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीटी के जुर्माने के आदेश को स्थगित कर दिया है। एनजीटी ने 07 मार्च को फॉक्सवैगन पर 500 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाकर उसे दो महीने के भीतर यह धनराशि जमा कराने का निर्देश दिया था।
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इससे पूर्व एनजीटी ने 16 नवंबर 2018 को दिए निर्णय में कहा था कि फॉक्सवैगन ने भारत में डीजल वाहनों में ‘चीट डिवाइस’ के माध्यम से पर्यावरण क्षति में योगदान दिया और उसे निर्देश दिया था कि वह 100 करोड़ रुपए की अंतरिम धनराशि केंद्रीय प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड ( सीपीसीबी ) के पास जमा करे।
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कंपनी पर आरोप है कि उसने भारत में बिकने वाली अपनी डीजल कारों में उत्सर्जन छिपाने वाले चीट डिवाइस ( धोखाधड़ी करने वाले उपकरण ) का इस्तेमाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है।