शेयर बाजार को नहीं दी जानकारी
आईएलएंडएफएस के निदेशक मंडल ने पिछले साल जुलाई में हुई बैठक में राइट इश्यू के जरिये 4,500 करोड़ रुपये के इक्विटी इंफ्यूजन का निर्णय लिया था। कंपनी ने शेयर बाजार को इसकी जानकारी नहीं दी। सेबी ने इसी कारण जुर्माना लगाया है। सेबी ने कंपनी को 45 दिनों के भीतर इसका भुगतान करने को कहा है।
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कंपनी पर लगाया 10 लाख का जुर्माना
आपको बता दें कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आईएलएंडएफएस पर बुधवार को 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने एक अन्य आदेश में आरटी एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के प्रवर्तकों और इसके शेयरधारक नीलकंठ रियल्टर्स पर सूचीबद्धता और खुलासा नियमों का उल्लंघन करने पर कुल 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
जांच में हुआ खुलासा
कंपनी के प्रवर्तकों में भाविक भिमज्यानी, रश्मि भिमज्यानी, रेखा भिमज्यानी, रश्मि सी भिमज्यानी एचयूएफ, एन एच पोपट और आर टी एग्रो प्रा. लि. पर जुर्माना लगाया गया है। सेबी की जांच में पाया गया कि कंपनी ने रेटिंग एजेंसी को अपने फैसले के बारे में 23 जुलाई 2018 को ही अवगत करा दिया था। लेकिन बीएसई से यह जानकारी छिपाई थी।