2017-18 की चौथी तिमाही में मुनाफे में 28.1 फीसदी की गिरावट समीक्षाधीन अवधि में कंपनी का कारोबारी मुनाफा साल-दर-साल आधार पर रुपये के संदर्भ में 1.5 फीसदी बढ़कर 17,148 करोड़ रुपए और डॉलर के संदर्भ में 5.5 फीसदी बढ़कर 265.9 करोड़ डॉलर रहा। वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में रुपए के संदर्भ में क्रमिक आधार पर कंपनी के मुनाफे में 28.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 3,690 करोड़ रुपए रहा।
कंपनी की आय में 1.8 फीसदी की बढ़ोतरी कंपनी ने नियामकीय फाइलिंग में कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में उसके कुल राजस्व में क्रमिक आधार पर (पिछली तिमाही की तुलना में) 1.6 फीसदी की वृद्धि हुई और यह रुपए के संदर्भ में 18,083 करोड़ रुपए रही। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिग मानक के तहत, डॉलर के संदर्भ में बैंक के मुनाफे में क्रमिक आधार पर 28.1 फीसदी गिरावट रही, जोकि 57.1 करोड़ डॉलर रहा। जबकि कंपनी की आय में 1.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 280.5 करोड़ डॉलर रहा।
इन्फोसिस का इतिहास
इन्फोसिस की स्थापना 2 जुलाई, 1981 को पुणे में एनआर नारायण मूर्ति ने की थी। इनके साथ और छह अन्य लोग थे। जिसमें नंदन निलेकणी, एनएस राघवन, क्रिस गोपालकृष्णन, एसडी शिबुलाल, के दिनेश और अशोक अरोड़ा शामिल थे। राघवन के साथ आधिकारिक तौर पर कंपनी के पहले कर्मचारी मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10,000 रुपए लेकर कम्पनी की शुरुआत की। कम्पनी की शुरुआत उत्तर मध्य मुंबई में माटुंगा में राघवन के घर में इन्फोसिस कंसल्टेंट्स प्रा लि के रूप में हुई, जो एक पंजीकृत कार्यालय था। इन्फोसिस को 2001 में भारत के सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता की श्रेणी में रखा गया। इन्फोसिस ने वर्ष 2003, 2004 और 2005, के लिए ग्लोबल मेक (सर्वाधिक प्रशंसित ज्ञान एंटरप्राइजेज) पुरस्कार जीता। यह पुरस्कार जीतने वाली यह एकमात्र कम्पनी बन गई और इसके लिए इसे ग्लोबल हॉल ऑफ फेम में प्रोत्साहित किया गया।इंफोसिस को चौथी तिमाही में हुआ 28 फीसदी घाटा, जाने कंपनी का पूरा इतिहास
इन्फोसिस की स्थापना 2 जुलाई, 1981 को पुणे में एनआर नारायण मूर्ति ने की थी। इनके साथ और छह अन्य लोग थे। जिसमें नंदन निलेकणी, एनएस राघवन, क्रिस गोपालकृष्णन, एसडी शिबुलाल, के दिनेश और अशोक अरोड़ा शामिल थे। राघवन के साथ आधिकारिक तौर पर कंपनी के पहले कर्मचारी मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10,000 रुपए लेकर कम्पनी की शुरुआत की। कम्पनी की शुरुआत उत्तर मध्य मुंबई में माटुंगा में राघवन के घर में इन्फोसिस कंसल्टेंट्स प्रा लि के रूप में हुई, जो एक पंजीकृत कार्यालय था। इन्फोसिस को 2001 में भारत के सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता की श्रेणी में रखा गया। इन्फोसिस ने वर्ष 2003, 2004 और 2005, के लिए ग्लोबल मेक (सर्वाधिक प्रशंसित ज्ञान एंटरप्राइजेज) पुरस्कार जीता। यह पुरस्कार जीतने वाली यह एकमात्र कम्पनी बन गई और इसके लिए इसे ग्लोबल हॉल ऑफ फेम में प्रोत्साहित किया गया।इंफोसिस को चौथी तिमाही में हुआ 28 फीसदी घाटा, जाने कंपनी का पूरा इतिहास