विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाले देश के अग्रणी समूह टाटा संस और उसके पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही। टाटा संस ने सोमवार को मिस्त्री पर आरोप लगाया कि अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद उन्होंने बेबुनियाद आरोप लगाकर समूह और निदेशक मंडल की छवि खराब करने की कोशिश की है।
मुम्बई. विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाले देश के अग्रणी समूह टाटा संस और उसके पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही। टाटा संस ने सोमवार को मिस्त्री पर आरोप लगाया कि अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद उन्होंने बेबुनियाद आरोप लगाकर समूह और निदेशक मंडल की छवि खराब करने की कोशिश की है।
बीएसई को बताया
टीसीएस ने सोमवार को बीएसई को बताया कि गत 17 नवंबर को कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में आगामी 13 दिसंबर को विशेष आम सभा बुलाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। टाटा संस का कहना है कि उसके पास टीसीएस के 73.26 प्रतिशत शेयर हैं। इस कारण वह कानूनन मिस्त्री को टीसीएस के निदेशक पद से हटाने के संबंध में प्रस्ताव पारित करने का अधिकारी है।
गोपनीय बातचीत को भी सार्वजनिक करने का आरोप
टाटा संस का कहना है कि मिस्त्री के बेबुनियाद आरोपों की वजह से टीसीएस को भी नुकसान हुआ है, क्योंकि वह समूह का ही हिस्सा है। समूह का कहना है कि मिस्त्री ने गोपनीय बातचीत को भी सार्वजनिक कर दिया है और उनकी इस हरकत से टाटा समूह, टीसीएस, शेयरधारकों और कर्मचारियों को गहरी क्षति पहुंची है। टाटा संस के निदेशक मंडल ने गत 24 अक्टूबर को मिस्त्री को कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया था।