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रिलायंस JIO के कारण दूरसंचार उद्योग का राजस्व 7 फीसदी गिरा : जेफरीज

locationनई दिल्लीPublished: Jun 13, 2018 05:04:47 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

मोदी सरकार की खास नीति के कारण देश में उद्योग तो बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार की कमाई घट रही है।

Reliance JIO

रिलायंस JIO के कारण दूरसंचार उद्योग का राजस्व 7 फीसदी गिरा : जेफरीज

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार देश में रोजगार को बढ़ावा देने और आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लोगों को व्यापार करने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की छूट और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही हैं। देश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की ओर से खास नीति भी बनाई गई है। यह खास नीति ही अब मोदी सरकार का खेल बिगाड़ रही है। इस नीति के कारण देश में उद्योग तो बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार की कमाई घट रही है। इसका मुख्य कारण नए उद्योगों की ओर से दी जा रही छूट है। टेलीकॉम सेक्टर पर नजर रखने संस्था जेफरीज ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय टेलीकॉम सेक्टर से सरकार को होने वाली कमाई में गिरावट आई है। इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी जियो है। जियो के आने के कारण सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने टैरिफ में कमी करनी पड़ी है। इससे सरकार का राजस्व घट रहा है।
2012-13 के स्तर पर पहुंचा दूरसंचार उद्योग का राजस्व

भारतीय दूरसंचार उद्योग के राजस्व (समायोजित सकल राजस्व, एजीआर) में वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर सात फीसदी और 2015-16 की समान तिमाही की तुलना में 25 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। जेफरीज की एक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार उद्योग का राजस्व अब 2012-13 के स्तर पर पहुंच चुका है। यह गिरावट जनवरी के अंत में जियो और अन्य कंपनियों की ओर से कीमतों में कमी करने से आई है। उद्योग के एआरपीयू में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 11 फीसदी की कमी दर्ज की है और यह अब 70 रुपये प्रति माह है।
30 फीसदी तक पहुंच सकती है जियो की बाजार हिस्सेदारी

रपट में कहा गया है कि जियो की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर अब 19.1 फीसदी हो गई है और उसने आइडिया (16 फीसदी) को पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि जियो की बाजार हिस्सेदारी उसकी महत्वाकांक्षा (50 फीसदी) से अभी भी काफी कम है और अनुमान है कि यह बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच सकती है।
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