आनंद महिंद्रा ने उठाया बड़े रहस्य से पर्दा
आज भारत में महिंद्रा एंड महिंद्रा की एक अलग ही पहचान है। दरअसल आजादी से पहले कंपनी का नाम महिंद्रा एंड मोहम्मद था। क्योंकि इस कंपनी के एक पार्टनर मलिक गुलाम मोहम्मद थे। फिर देश को आजादी मिली उसी के साथ भारत -पाक का पार्टिशन भी हो गया। पार्टिशन के बाद मलिक गुलाम मोहम्मद ने पाकिस्तान में रहना पंसद किया तो आनंद महिंद्रा ने भारत में आकर बिजनेस करना चाहा। इसलिए कंपनी का नाम बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा कर दिया गया। आज महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी बुलंदियों को छू रही है साथ ही कंपनी आरबों में कमाई करती है।
पाकिस्तान में रहते थे ये बिजनेसमैन
जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तो कई लोगों ने भारत में ही रहना पसंद किया। उन्हीं में से एक है हीरो ग्रुप के चेयरमैन पवन मुंजाल। इनका घर पाकिस्तान में हुआ करता था। लेकिन इनके पिता पार्टिशन के समय पाकिस्तान छोड़कर भारत आए थे। आज हीरो ग्रुप की भारत में एक अलग पहचान हैं। देश का बड़े होटलों में से एक ओबेरॉय ग्रुप के मालिक मोहन सिंह ओबेरॉय का नाता भी पाकिस्तान से हैं। श्रीलंका,नेपाल और मिस्र में फैले ओबेरॉय होटल के मालिक पार्टिशन से पहले पाकिस्तान में रहते थे। यहां आकर उन्होनें कड़ी मेहनत से होटल खोला। अब ये होटल दुनिया के बड़े होटलों में शुमार हैं। लेकिन मोहन सिंह ओबेरॉय अब इस दुनिया में नहीं हैं ।
भारत में खड़ा किया बड़ा व्यापार
आज देश के सबसे बड़े ग्रुप में से एक हिंदुजा ग्रुप की शुरुआत कभी पाकिस्तान के सिंध में हुई थी। परमानंद दीपचंद हिंदुजा पाकिस्तान के शिकारपुर से थे और वह यहां कारोबार करते थे। अपने कारोबार को मुंबई लेकर आए। लेकिन आजादी के बाद उनके बेटे कारोबार को लंदन लेकर चले गए। अपने पिता के एक्सपोर्ट कारोबार को बढ़ाने के लिए श्रीचंद हिंदुजा और उनके भाई गोपीचंद हिंदुजा लंदन चले गए। एमडीएच के मसालों को कौन नहीं जानता । एमडीएच मसालों की एक बड़ी कंपनी हैं। लेकिन इस कंपनी को ऊंचाइयों तक लेकर आने वाले महाशय चुन्नी लाल पार्टिशन से पहले पाकिस्तान में रहते थे। विभाजन के बाद भारत आए और यहां उन्होंने मसालों का सबसे बड़ा ब्रांड खड़ा किया।
देश में बनाई अलग पहचान
भारत में आईटी क्रांति लाने वालों में सबसे पहले एफसी कोहली का नाम आता है। वह टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी के डायरेक्टर रहे है। कोहली का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। वह टीसीएस के पहले सीईओ थे।