खुद की कंपनी की शुरुआत करें
अमीर बनने की राह में अधिकतर लोगों की कहानी में जो सबसे अधिक काॅमन बात है वो ये कि इस लिस्ट में अधिकतर लोगों की अपनी खुद की कंपनी है। बात चाहे अमेजन की जेफ बेजोस की हो, फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग की या फिर अलीबाबा ग्रुप के मालिक जैक मा की। सबके पास अपना खुद का बिजनेस है आैर इसी बिजनेस ने आज उन्हें दुनिया के सबसे अमीर लोगों की पंक्ति में ला खड़ा किया है। साल 2018 में फोर्ब्स ने अपनी लिस्ट में करीब 2,208 लोगों को जगह दी थी, इसमें से करीब दो तिहार्इ लोग सेल्फ मेड हैं। यानी की वो खुद के दम पर इतनी अपार दौलत की है। हालांकि ये बात भी सच है कि किसी को सेल्फ मेड के तौर पर परिभाषित करना कर्इ बार आपके लिए मुश्किल हो जाता है। यदि आप काइली जेनर का ही उदाहरण लें तो वो एक समृद्ध परिवार में पैदा हुर्इं थी। अमीर बनने के लिए आप चाहे जो भी रास्ता अपना रहे हों लेकिन एक बात तो सच है कि इसके लिए पहले आपको बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।
पूर्वजों के पैसे को कभी न भूलें
फोर्ब्स की लिस्ट में जगह बनाने वाले करीब एक तिहार्इ लोग एेसे हैं जिन्होंने अमीर बनाने में उनके पूर्वजों की संपत्ति काम आर्इ है। उदहारण के तौर पर लाॅरीयल की शुरुआत करने वाली वाॅल्टन फैमिली है। इसके कर्इ फायदे हैं यदि कोर्इ एक बढ़त के साथ अमीर बनने की अपनी यात्रा की शुरुआत करता है। एक सबसे बड़ा कारण ये है कि बीत कछ सालों में स्टाॅक्स आैर बाॅन्ड्स जैसी वित्तीय परिसंपत्तियों की मूल्यांकन में भारी इजाफा हुआ है। कर्इ बार तो इस तरह की संपत्तियाें पर कम दर में टैक्स लगाया जाता है। एक खास बात ये भी है कि फोर्ब्स 2018 की लिस्ट में वित्तीय सेक्टर के कुल 140 लोग एेसे हैं जिनकी कुल संपत्ति 2.5 अरब डाॅलर से अधिक है। करीब 25 फीसदी अमीर लोग अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा फाइनेंस से होती है।
अमीर बनने का नहीं है कोर्इ तय फाॅर्मूला
कर्इ बार अरबपतियों को कानूनी पचड़ों से भी गुजरना पड़ता है। आप बिल गेट्स का ही उदाहरण ले सकते हैं। बिल गेट्स की आज दुनियाभर में एक बिजनेसमैन से परे समाजिक कल्याणकारी व्यक्ति के रूप में भी पहचान है। लेकिन एक आैर भी दौर था जब उनकी छवि पाक साफ नहीं थी। 1990 की दशक में अमरीका ने एंटी कंपीटिटीव प्रैक्टिस के लिए माइक्रोसाॅफ्ट पर केस ठोक दिया था। इस केस के शुरुआती दौर में अमरीका का जीत हासिल हुर्इ लेकिन माइक्रोसाॅफ्ट ने फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दिया। अंततः ये लड़ार्इ सेटलमेंट के बाद सुलझी। यूरोपियन कमीशन ने भी इस फर्म पर एक बार फाइन लगाया था। आप दुनियाभर के अन्य अमीरों की कहानी जानेंगे तो ये पाएंगे कि इस मुकाम तक पहुंचने में सबकी अपनी-अपनी कहानी है। अरबपति बनने का कोर्इ तय फाॅर्मूला नहीं है।