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विदेशी कर्मचारियाें की है अधिक सैलरी
सबसे दिलचस्प बात ये भी है कि टीसीएस के इन करोड़पति कर्मचारियों में एक 70 वर्षीय बरीन्द्र सान्याल भी है, जो साल 2003 में टाटा एसएसएल लिमिटेड में कंपनी के साथ जुड़े थे। फिलहाल ये वाइस प्रेसीडेंट (फाइनेंस) हैं आैर इनकी सैलरी 1.89 करोड़ है। वहीं कंपनी एच आर हेड अजाॅयेन्द्र मुखर्जी की कुल सैलरी 4.65 करोड़ रुपए है। कंपनी में कुल 10 एेसे कर्मचारी हैं जिन्हें टाटा के अन्य कंपनियों के बाद टीसीएस में काम करने को मौका मिला है। विदेशों में कार्यरत कर्मचारियों की सैलरी भारतीय कर्मचारियों की तुलना में अधिक होता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो टीसीएस नाॅर्थ अमरीका के प्रेसीडेंट सूर्य कांत है।
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कर्मचारियों को लेकर टीसीएस की है बेहतर नीति
टीसीएस में कर्मचारियों से जुड़े नीतियों को लेकर एक सबसे खास बात ये है कि, यहां आंतरिक कर्मचारियों का ही प्रमोशन होता है। बहुत कम एेसे मौके होते हैं जब किसी बड़े पद पर बाहर से हायरिंग होती है। टीसीएस के इन आंकड़ों से एक बात तो साफ है कि कंपनी अपने इन-हाउस कर्मचारियों की ही पद्दोनति करने में विश्वास रखती है।
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इंफोसिस आैर विप्रो से कहीं आगे है टीसीएस
मुंबर्इ के एक एनलिस्ट फर्म के कर्मचारी ने र्इटी को बताया कि, विप्रो आैर इंफोसिस के मुकाबले टीसीएस बड़ी कंपनी है आैर यहां एग्जीक्यूटीव स्टेबिलीट एक बड़ा फैक्टर है। वित्त वर्ष 2017 में 17.5 अरब डॅालर (करीब 1.17 लाख करोड़ रुपए) का राजस्व कमाने वाली टीसीएस में कुल 3,80,000 कर्मचारी हैं। जबकि इंफोसिस में कुल 2 लाख आैर विप्रो में 1,80,000 कर्मचारी हैं। आकंड़ाें के मुताबिक विदेशों में इंफोसिस के 1800 एेसे कर्मचारी हैं जिनका मासिक वेतन एक करोड़ से अधिक है। इनमें से 150 को वित्त वर्ष 2017 में नियुक्त किया गया था। वहीं 700 एेसे कर्मचारी हैं जो विशाल सिक्का के सीर्इआे बनने के बाद नियुक्त किया गया था।