ऐसे बनाई पकड़ दरअसल इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ यानी PTI ने चुनावी अभियान के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों में आए बदलाव को देखा। जिसे देखते हुए चुनाव से पहले मतदाताओं को टारगेट करना और ठीक चुनाव वाले दिन भी अपने समर्थकों को संघठित करने के लिए एप का सहारा लिया। हालांकि पार्टी ने इस तकनीक का खुलासा नहीं किया क्योंकि उसे डर था कि विपक्षी भी इसे अपना न लें, लेकिन कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने रॉयटर्स को दिखाया कि कैसे ऐप ने उनके कैंपेन का कायापलट किया और उन्हें जीत दिला दी।
ऐसे मिली एप से मदद इमरान खान ने चुनाव में जिस एप का उपयोग किया इसे कॉन्सिटीट्यूएंसी मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) के तौर पर जाना गया। जिसने चुनाव में समर्थकों को चुनावी बूथ तक पहुंचाने में मदद की। वही पोलिंग बूथ की जानकारी देने वाली सरकार की अपनी टेलिफोन इन्फर्मेशन सर्विस चुनाव के दिन कई तकनीकी खामियों से जूझती रही, जिससे अन्य पार्टियां घबरा गईं। ऐप और डेटाबेस का इस्तेमाल करने वाली टीम का हिस्सा रहे लोग भी मानते है कि चुनाव में इस तरह के प्रयोग का व्यापक असर देखने को मिला। जिसके चलते इमरान खान की पार्टी को इतनी बड़ी सफलता हाथ लगी। आपको बता दें कि आज के दौर में हर पार्टी को पता है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म को कैसे इस्तेमाल किया जाए, और इसे भुनाने में कामयाब रहता है वही बाजी जीतता है।