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ग्राहकों के बचे पैसे जल्द लौटाएं आरकॉम :TRAI

Published: Jan 20, 2018 02:02:39 pm

Submitted by:

manish ranjan

रिलायंस कम्युनिकेशन्स को ट्राई ने इस टेलीकॉम कंपनी को अपने ग्राहकों के खर्च नहीं हुए बैलेंस और जमा सिक्योरिटी को लौटाने का निर्देश दिया है।

Anil Ambani

नई दिल्ली। लगातार घाटे में चल रही आरकॉम यानी रिलायंस कम्युनिकेशन्स ने पिछले वर्ष अपने कालिंग सेवाएं बंद कर दी थी, अब भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस टेलीकॉम कंपनी को अपने ग्राहकों के खर्च नहीं हुए बैलेंस और जमा सिक्योरिटी को लौटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश ग्राहकों के शिकायत के बाद जारी किया गया। बता दें ग्राहकों ने इस बारे में नियामक के पास शिकायत की थी।

ट्राई ने जारी किया निर्देश पालन करने का डेडलाइन
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी को ट्राई ने यह निर्देश देते हुए इसके अनुपालन की रिपोर्ट क्रमश: 15 फरवरी और 31 मार्च तक प्रस्तुत करने को कहा है। ट्राई ने निर्देश दिया है कि कंपनी प्रीपेड ग्राहकों का पैसा और पोस्ट पेड उपभोक्ताओं की जमा राशि लौटाए। ट्राई ने इससे जुड़े बयान में कहा, ‘असामान्य परिस्थतियों में रिलायंस कम्युनिकेशन्स पोर्ट किए गए मोबाइल नंबरों पर रिचार्ज कूपन या वाउचर प्लान में खर्च नहीं हुए प्रीपेड बैलेंस को लौटाये।इसके अलावा उन ग्राहकों का भी बचा हुआ बैलेंस वापस दिया जाए जो न तो अपना नंबर पोर्ट कर पाए हैं और न ही सेवा का इस्तेमाल कर पाएंगे।

कंपनी ने दिसंबर में कर दी अपनी कलिंग सेवाएं बंद
बता दें कर्ज के बोझ से दबी और लगातार घाटा सह रही आरकॉम ने एक दिसंबर से देश के कुछ हिस्सों में अपने नेटवर्क पर मोबाइल कॉलिंग सेवा बंद कर दी, साथ ही बाकी हिस्सों में यह सेवा 29 दिसंबर से बंद हुई।

ट्राई ने विमानों के अंदर इंटरनेट की सिफारिश की
ट्राई ने शुकवार को सिफारिश की है कि भारतीय हवाई क्षेत्र में विमानों के अंदर (इन फ्लाइट कनेक्टिविटी या आईएफसी) इंटरनेट और मोबाइल कम्यूनिकेशन ऑन बोर्ड (एमसीए) सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी जानी चाहिए। ट्राई ने कहा कि इस मुद्दे पर प्राप्त परामर्श और खुली परिचर्चा के बाद उसने यह निर्णय लिया है।

फ्लाइट मोड पर ही मिलेंगी इंटरनेट सेवाएं
ट्राई ने कहा, ‘एमसीए सेवाओं के परिचालन की अनुमति स्थानीय मोबाइल नेटवर्क के साथ अनुकूलता के लिए न्यूनतम 3,000 मीटर की ऊंचाई प्रतिबंध के साथ दी जानी चाहिए।’ क्षेत्र के नियामक ने कहा कि वाई-फाई ऑनबोर्ड के द्वारा इंटरनेट सेवाएं तब दी जानी चाहिए, जब इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को केवल फ्लाइट/एयरप्लेन मोड में इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है।

आईएफसी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी हो भारतीय
हालांकि यह भी साफ किया गया कि आईएफसी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी भारतीय होनी चाहिए। बयान में कहा गया है, ‘आईएफसी’ सेवा प्रदाता के रूप में एक अलग श्रेणी बनाई जानी चाहिए, जो भारतीय विमानन क्षेत्र में आईएफसी सेवाएं प्रदान करे। आईएफसी सेवा प्रदाता को डीओटी (दूरसंचार विभाग) के पास पंजीकृत कराना होगा और यह भारतीय कंपनी ही होनी चाहिए।’

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