किराया हो सकता है महंगा
आपको बता दें कि जेट एयरवेज अमौसी एयरपोर्ट से रोजाना दिल्ली के लिए सात और मुंबई के लिए तीन उड़ानें संचालित करता था। इसके अलावा इलाहाबाद, जयपुर, इंदौर, चंडीगढ़ जैसे शहरों को भी अपनी सेवाएं देता था। जेट एयरवेज के कारण लोगों को कम किराए में अच्छी उड़ान सुविधा मिल जाती थी। इसके अलावा जेट एयरवेज लखनऊ से आबूधाबी के लिए भी सीधी उड़ान की सुविधा देता था। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जेट के बंद होने के बाद उड़ानों की कमी का फायदा दूसरी एयरलाइंस को मिल सकता है और जेट के इस संकट का असर सीधे हवाई यात्रा करने वालों के किराए पर पड़ेगा।
उड़ानों की संख्या भी की थी कम
अधिकारियों की मानें तो यात्रियों को 10 से लेकर 20 फीसदी तक अधिक किराया देना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि कुछ साल पहले तक लखनऊ से जेट एयरवेज की 14 उड़ानें संचालित होती थीं, लेकिन धीरे-धीरे इसमें कटौती होती गई और अब इन उड़ानों को 10 तक सीमित कर दिया गया था, लेकिन जब कंपनी के हालात खराब होने लगे तो कंपनी ने दो उड़ानें और कम कर दीं।
नहीं मिल रहा लोगों को वेतन
लखनऊ में जेट एयरवेज के करीब चार दर्जन कर्मचारियों को पिछले महीने का वेतन नहीं मिल है। इसके साथ ही कर्मचारियों ने बताया कि उनको कई तरह की परेशानियों का भई सामना करना पड़ रहा है। जेट एयरवेज के संकट से कर्मचारियों की पर्सनल लाइफ पर भी गहरा असर पड़ रहा है। ज्यादातर कर्मचारी बच्चों की फीस नहीं दे पा रहे है। कई कर्मचारी बच्चों का नए सत्र में प्रवेश भी नहीं करवा सके हैं तो कई होम लोन की किस्त नहीं चुका पाए हैं।
पहले कुछ लोगों को हो गया था संकट का एहसास
कंपनी के कुछ पायलटों और क्रू मेम्बर ने पहले ही दूसरी कंपनी में कम वेतन पर नौकरी जॉइन कर ली थी क्योंकि लोगों को पहले से ही जेट एयरवेज के संकट का एहसास हो गया था। वहीं, कंपनी के कुछ कर्मचारियों को अभी भी उम्मीद है कि जल्द ही कोई न कोई उद्योगपति जेट एयरवेज को अपनी शर्तों पर ले लेगा, जिससे लोगों की जिंदगी पहले जेसी हो पाएगी।