Published: Sep 22, 2018 03:09:35 pm
Saurabh Sharma
ट्रंप प्रशासन ने फेडरल कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि एच4 वीजा धारकों के वर्क परमिट पर रोक लगाने पर निर्णय तीन माह में ले लिया जाएगा।
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नर्इ दिल्ली। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति आेलांद के राफेल पर बयान के बाद जो राजनीति देश में गर्म हुर्इ उसमें अब अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घी डालकर आैर भड़का दिया है। ट्रंप प्रशासन जल्द ही भारतीयों के वर्क परमिट वीजा पर रोक लगा सकता है। यह देश को अमरीका की आेर से अब तक का सबसे बड़ा झटका है। ट्रंप प्रशासन ने फेडरल कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि एच4 वीजा धारकों के वर्क परमिट पर रोक लगाने पर निर्णय तीन माह में ले लिया जाएगा। एच4 वीजा एच-1बी वीजा धारकों के परिजन (पत्नी-पति और 21 साल से कम आयु के बच्चों) को दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में इस नियम का सबसे ज्यादा लाभ भारतीय अमरिकियों मिला था। इस नियम के लागू होने से सबसे ज्यादा प्रभाव भारतीय महिलाओं पर होेगा।
तीन माह तैयार होंगे नए नियम
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी ने अपने नए एफिडेविट में कोलंबिया के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि वह एच-1बी नॉन इमिग्रेंट्स के एच-4 परिजन को हटाने के प्रस्ताव पर तेजी से काम कर रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी के अनुसार नए नियम तीन माह में व्हाइट हाउस को भेज दिए जाएंगे। मंत्रालय ने अदालत से अनुरोध किया कि तब तक वह सेव जॉब्स यूएस नामक संस्था की ओर से दाखिल याचिका पर अपने आदेश को स्थगित कर दे।
संगठन का यह है आरोप
‘सेव जॉब्स यूएस’ अमरीकी कर्मचारियों का संगठन है। जिसका कहना है कि सरकार की की नीतियों की वजह से वहां के लोगों की जाॅब्स पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। आपको बता दें कि यह नीति ओबामा सरकार के दौरान बनार्इ गर्इ थी। जिसकी समीक्षा ट्रंप सरकार द्वारा की जा रही है। उसका मानना है कि कंपनियां अमरीकी कर्मचारियों के स्थान पर दूसरे को नौकरियां देने के लिए इस नीति का दुरुपयोग कर रही हैं। ट्रंप सरकार सार्वजनिक रूप से यह कह चुकी है। वहीं अदालत में दिए आवेदन में भी उसने साफ कहा है कि वह H4 वीजा धारकों के वर्क परमिट को हटाना चाहता है।