फेसबुक ने किया इनकार वहीं सोशल मीडिया के प्रतिद्वंद्वी फेसबुक ने हाल ही में राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने से इनकार किया है। प्रतिबंध की खबरों ने 2020 के चुनाव के लिए अमेरिका के पोलिटिकल कैंप्स (राजनीतिक शिविरों) को विभाजित कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव-प्रचार अभियान के मैनेजर ब्रैड पास्र्केल ने कहा, “प्रतिबंध ट्रंप और रूढ़िवादियों को चुप कराने के लिए वामपंथियों का एक और प्रयास है।” 22 नवंबर से लागू होने वाले इस प्रतिबंध के बाबत पूरी जानकारी 15 नवंबर को जारी की जाएगी।
आपको बता दें कि सोशल दुनिया भर के चुनावों में सोशल मीडिया की आज अहम भूमिका है। चाहे अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की जीत हो या भारत में नरेंद्र मोदी की इन सबमें सोशल मीडिया का अहम योगदान रहा है जिसमें ट्विटर की भी अहम भूमिका है।
राजनीतिक दलों के लिए ट्विटर बड़ा हथियार आज के दौर में किसी भी बात को रखने के लिए बड़ी राजनीतिक पार्टियां ट्विटर का सहारा लेती है। कोई भी खबर ब्रेक करनी हो तो उसमें भी इसकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। यहां तक की मीडिया हाउस राजनेताओं के ट्विट से ही खबरों की पुष्टि करते हैं। ऐसे में विज्ञापनें पर प्रतिबंध लगाना राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ा झटका है।