लग सकता है 3 करोड़ का जुर्माना
आपको बता दें कि अगर कंपनी इस मामले में दोषी पाई जाएगी तो उस पर करीब 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। अमरीका के यूएसएफडीए विभाग की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के दो शर्बत ब्रांड पर में अलग-अलग दावे किए गए हैं। इन शर्बत को बेचने के लिए कंपनी लोगों से झूठ बोल रही है और उन दोनों ही शर्बत में अलग-अलग तरह के दावे कर रही है।
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भारत में बेच रहे अलग तरह के प्रोडक्ट
इसके अलावा अगर इंडिया में बेचे जाने वाले प्रोडक्ट की बात करें तो कंपनी ने शर्बत उत्पादों के लेबल पर अलग दावे किए गए हैं, वहीं, अगर हम यही उत्पाद अमरीका में देखें तो उन पर अलग तरह के दावे किए जा रहे हैं। इसका मतलब यह है कि एक जैसे दो अलग-अलग शर्बत पर अलग तरह की बातें लिखी हुई हैं। जबकि दोनों प्रोडक्ट बिल्कुल एक जैसे हैं। इसके साथ ही कंपनी दोनों देशों के लिए अलग-अलग उत्पादन और पैकेजिंग करती है।
कंपनी पर लगेगा जुर्माना
अमरीका की ओर से लगाए गए आरोप अगर सही साबित होते हैं तो कंपनी के खिलाफ गलत प्रोडक्ट बेचने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा, जिसके बाद पतंजलि पर पांच लाख अमरीकी डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही कंपनी के अधिकारियों को तीन साल की सजा हो सकती है।
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पतंजलि की बिक्री में आई गिरावट
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से मिली जानकारी के मुताबिक पतंजलि ने सालाना वित्तीय रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीते वित्त वर्ष 2018-19 में भी पतंजलि की बिक्री में और भी ज्यादा कमी आई होगी। केयर रेटिंग्स ने इस साल अप्रैल में बताया था कि 31 दिसंबर 2018 तक की तीन तिमाही में पतंजलि ने सिर्फ 4,700 करोड़ रुपए के उत्पाद बेचे थे।
पतंजलि के टर्नओवर में भी आई गिरावट
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि पतंजलि के टर्नओवर में गिरावट का बड़ा कारण GST है। जानकारों का मानना है कि कंपनी जीएसटी के हिसाब से अपने आप को मैनेज नहीं कर पाई, जिसके कारण कंपनी को भारी घाटा हुआ है। वहीं, इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि गलत फैसलों की वजह से कंपनी की महत्वाकांक्षाओं में रुकावट आई है।
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