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विजय माल्या पर सबसे बड़ा फैसला आज, कोर्ट तय करेगी वह भगोड़ा है या नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Jan 05, 2019 03:13:27 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

यदि माल्या को मुंबर्इ के एंटी-करप्शन कोर्ट आज भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर देती है तो देश के किसी भी कारोबारी पर अब तक का पहला मामला होगा।

Vijay Mallya

विशेष अदालत ने विजय माल्या को ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किया, सरकार के लिए आसान हुए नकेल कसना

नर्इ दिल्ली। भारत के करीब दर्जन भर बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए लेकर विदेशों में मौज काट रहे शराब कारोबारी विजय माल्या पर आज एक अहम फैसाल आ सकता है। आज विशेष अदालत इस बात का फैसला करेगी कि विजय माल्या ‘भगोड़ा’ है या नहीं। दरअसल, विजय माल्या पर लगे आरोपों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (र्इडी) ने कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसपर आज फैसला होना है। र्इडी ने अपने याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया जाए। यदि माल्या को मुंबर्इ के एंटी-करप्शन कोर्ट आज भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर देती है तो देश के किसी भी कारोबारी पर अब तक का पहला मामला होगा।


कोर्ट ने सुरक्षित रखा था अपना फैसला

गौरतबल है कि 26 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने 5 जनवरी 2019 तक इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इसके पहले विजय माल्या ने प्रिवेंशन आॅफ मनी लाॅन्डिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत को बताया था कि वो भगोड़ा आर्थिक अपराधी नहीं है। माल्या ने अपने बचाव में यह भी कहा है कि वह मनी लाॅन्ड्रिंग अपराध में शामिल नहीं है। बताते चलें कि इस विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद र्इडी को माल्या की संपत्तियां जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा।


2016 में बहाना बनाकर भागा था विदेश

हालांकि, विजय माल्या ने अपने वकील अमित देसार्इ के माध्यम से र्इडी की इस याचिका को निरस्त करने की मांग की है अौर साथ में कहा है कि यह नया कानून कठोर है। माल्या के वकील ने इस बात का भी विरोध किया है जिसमें कहा गया है कि मार्च 2016 में एक सम्मेलन में शामिल होने के बहाने में वह करीब 300 बैग के साथ जेनेवा भाग गया था। देश छोड़कर भागने के लिए विजय माल्या ने इस सम्मेलन का बहाना बनाया था। वर्तमान में, विजय माल्या लंदन में है। हाल ही में लंदन की एक अदालत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे चुकी। हालांकि, माल्या के पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए जनवरी माह तक का समय है।

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