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…जब विराट कोहली आैर गौतम गंभीर समेत इन्होंने ठुकराए करोड़ों के आॅफर, देखें आैर कौन है इस लिस्ट में

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6 years ago
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नई दिल्ली। आज के समय में पैसों को भला कौन ना कहता है। और खासकर तब, जब आपके पास करोड़ो-अरबों रुपए कमाने का मौका हो। लेकिन आज कई पेशेवर लोग इस बात की मिसाल हैं जो पैसों से ज्यादा अपने उसूलों को तवज्जो देतें हैं। ऐसे ही लोगों की लिस्ट में दो भारतीय क्रिकेटर भी है जिन्होंने पैसों के लिए अपने उसूलों से कभी समझौता नहीं किया। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में।

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आईपीएल के बीते सीजन-11 में अपने खराब प्रदर्शन के वजह से गौतम गंभीर को अपने कप्तानी से हाथ धोना पड़ा। लेकिन इसके बाद सबसे चैकाने वाली खबर ये आई की गौतम गंभीर ने कहा है कि वो 2.8 करोड रुपए की सैलरी भी नहीं लेंगे। साल 2012 और 2014 में कोलकाता नाइटराइडर्स को आर्इपीएल ट्राॅफी दिलाने वाले गंभीर इस साल दिल्ली की तरफ से खेल रहे थे।

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व्हाॅटसऐप के को फाउंडर जेन कोयुम ने अपने इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप को 19 अरब डाॅलर में फेसबुक को साल 2014 में बेच दिया था। लेकिन बाद में जब कंपनी पर यूजर्स को अधिक डेटा स्टोर करने और गोपनीयता को लेकर आरोप लगा तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ कोयुम ने कंपनी में अपने एक अरब डाॅलर यानी करीब 68 अरब रुपए के शेयर को भी छोड़ दिया था।

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भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली किसी भी साॅफटड्रिंक का ऐड नहीं करते हैं। पेप्सी के साथ करोड़ो रुपए की डील को रीन्यू करने के आॅफर को ठुकरा दिया। उनका मानना है कि वो ऐसी किसी भी चीज का इस्तेमाल के लिए दूसरों को नहीं कह सकते जिसे वो खुद ही इस्तेमान नहीं करते हैं।

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पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और पुलेला गोपीचंद ने कई बड़े ब्रांड के विज्ञापन को ठुकरा चुके हैं। उनका मानना है कि स्वास्थय को नुकसान पहुंचाने वाले जिन पदार्थों को वे खुद इस्तेमाल नहीं करते, उसे दूसरों को इस्तेमाल करने के लिए नहीं कर सकते हैं।

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बजफीड के संस्थापक जाॅना पेरेटी ने साल 2016 में अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में डाॅनल्ड ट्रंप को विज्ञापन लेने से इन्कार कर दिया था। इसके लिए उनके पास कथित तौर पर 12 लाख डाॅलर यानी 8 करोड़ रुपए का आॅफर था। उन्होंने अपने कर्मचारियों को एक खत लिखकर कहा था कि हम सिगरेट का विज्ञापन नहीं करते क्योंकि ये स्वास्थय के लिए हानिकारक है। हम इसी वजह से ट्रंप का विज्ञापन भी नहीं लेंगे।

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साल 2013 में स्नैपचैट ने फेसबुक द्वारा अधिग्रहण के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। ये प्रस्ताव 3 अरब डाॅलर यानी करीब 2 खरब रुपए का था। कुछ महीनें बाद कंपनी के संस्थापक इवान स्पीगल ने बताया कि ऐसे बहुत कम लोग हैं जो इस तरक का बिजनेस खड़ा कर पाते हैं। ऐसे में मैं क्षणिक लाभ के लिए इसका सौदा नहीं कर सकता।

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