ये था सीईओ का बयान वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने अपने बयान में कहा था कि वोडाफोन भारत में ज्यादा पूंजी लगाने के लिए कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं कर रही है और कंपनी के शेयर मूल्य की तुलना में देश ने इसमें कोई योगदान नहीं किया है। अदालत के फैसले के बाद इस संयुक्त उपक्रम का मूल्य जीरो हो गया है। जिससे स्पष्ट है कि भारत में राहत मिलने तक वोडाफोन भारत में कोई पूंजी नहीं लगाने जा रही है।
इसलिए दिया था बयान दरअसल वोडाफोन तबसे नाखुश है जब भारत में उसके खिलाफ और रिलायंस जियो के पक्ष में हुए कई नीतिगत फैसलों हुए । इसके अलावा वोडाफोन कंपनी के शेयरधारक वोडाफोन आइडिया के मूल्य को पहले ही बट्टे खाते में डाल चुके हैं। ऐसे में अगर कंपनी को बंद करने का प्रस्ताव आता है तो इसे आसानी से स्वीकार किया जा सकता है। केवल भारतीय बाजार ही नही बल्कि वोडाफोन अपने घरेलू मार्केट यूके में भी भारी कर्ज के बोझ से दबी हुई है और उसके लिए भारत में अतिरिक्त निवेश करना खासा मुश्किल होगा।
20 फीसदी टूटे शेयर कंपनी के बयान, कर्ज और इन मुश्किलों के चलते वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के शेयर में गुरुवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार के कारोबारी सत्र में वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के शेयर में 20.27 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।