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FDI के नियमों से वॉलमार्ट निराश, सरकार के साथ मिलकर काम करने की जताई उम्मीद

locationनई दिल्लीPublished: Feb 20, 2019 02:41:59 pm

Submitted by:

Dimple Alawadhi

– दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन कंपनियों में से एक वॉलमार्ट ने भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में किए गए हालिया बदलावों को लेकर निराशा जताई है।
– अमरीकी कंपनी वॉलमार्ट ने सहयोगात्मक नियामकीय प्रक्रिया की उम्मीद जताई है, जिससे विदेशी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा के लिए बराबरी का मौका मिलेगा।
– उल्लेखनीय है कि सरकार ने विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को कड़े करते हुए अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को उन कंपनियों के उत्पाद बेचने से रोक लगाई थी, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है।

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FDI के नियमों से वॉलमार्ट निराश, सरकार के साथ मिलकर काम करने की जताई उम्मीद

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन कंपनियों में से एक वॉलमार्ट ने भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में किए गए हालिया बदलावों को लेकर निराशा जताई है। अमरीकी कंपनी वॉलमार्ट ने सहयोगात्मक नियामकीय प्रक्रिया की उम्मीद जताई है, जिससे विदेशी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा के लिए बराबरी का मौका मिलेगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को कड़े करते हुए अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को उन कंपनियों के उत्पाद बेचने से रोक लगाई थी, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है। इसके अलावा और भी कई नियमों में बदलाव किए गए हैं।

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अवसरों को लेकर सकारात्मक है वॉलमार्ट

इस संदर्भ में वॉलमार्ट ने कहा कि एफडीआई के नियमों में बदलाव भारतीय बाजार को लेकर उसके भरोसे और उत्साह को नहीं हिला पाया है। साथ ही वह देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र में अवसरों को लेकर सकारात्मक है। वॉलमार्ट इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक डगलस मैकमिलन ने विश्लेषकों को कहा कि, ‘भारत में बाजार के आकार, खुदरा क्षेत्र में ई-वाणिज्य की कम पैठ और जिस गति से ई-वाणिज्य बाजार बढ़ रहा है, उसे देखते हुए ई-वाणिज्य अवसरों को लेकर हमारा रुख सकारात्मक है।’

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किसानों और आपूर्तिकर्ताओं को समृद्ध करने में मिलेगी मदद

नियामकीय बदलावों को लेकर मैकमिलन ने कहा कि, ‘भारत में नियमों में जो बदलाव हुए उनसे हम कुछ निराश जरूर हैं लेकिन यह हमारे भरोसे और उत्साह को हिला नहीं पाया है। भारतीय बाजार को लेकर कंपनी की प्रतिबद्धता लंबी अवधि के लिए है। यह कोई एक तिमाही या फिर एक साल के लिए नहीं है।’ उन्होंने कहा कि, ‘भविष्य में, हम सरकार के साथ मिलकर ई-वाणिज्य उद्योग को बढ़ाने वाली नीतियों पर काम करने की उम्मीद करते हैं। यह नीतियां इस नए उद्योग और घरेलू निर्माताओं, किसानों और आपूर्तिकर्ताओं को समृद्ध करने में मदद करेगा।’


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