चंदा कोचर को मिली थी क्लिनचिट
इसके पहले गुरुवार को एक न्यूज वेबसाइट फर्स्टपोस्ट ने भी अरविंद गुप्ता से बात की। इस वेबसाइट से बातचीत में गुप्ता ने कहा कि इसमें खुश या नाखुश होने की कोर्इ बात ही नहीं है। सिस्टम में मौजदू सभी लोगों का मानना था कि सबकुछ ठीक है। यहां तक बोर्ड के सदस्यों तक ने चंदा कोचर को क्लिनचिट दे दी थी। गुप्ता ने कहा कि चंदा कोचर बैंक के सभी बड़े फैसलों का हिस्सा थीं। यहां तक की रिस्क कमिटी आैर क्रेडिट कमिटी का भी वो हिस्सा थीं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीअार्इ) आैर सेबी ने भी कह दिया था कि कुछ भी गलत नहीं है आैर चंदा कोचर के खिलाफ कोर्इ भी ठोस सबूत नहीं है। बैंक के कानूनी सलाहकार मंगल दास ने भी सामने आकर कोचर को क्लिनचिट दी थी।
अरविंद गुप्ता ने खोली थी पोल
गौरतलब है कि इस केस में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर व वीडियोकाॅन के मालिक वेणुगोपाल धूत के बीच कनेक्शन की बात सामने आर्इ थी। बैंक से 3,250 करोड़ रुपए लोन लेने में हेरफेर का मामला सामना आया था। इसके बारे में सबसे पहले अरविंद गुप्ता ने जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि चंदा कोचर आैर वीडियोकाॅन फैमिली के बीच गलत तरीक से डीलिंग्स के बारे में जानकारी दी थी। अप्रैल 2018 में, गुप्ता ने मांग किया था कि न्यूपावर रिन्युबल्स से चंदा कोचर के पति दीपक कोचर का क्या संबंध हैं। उन्हें इस कंपनी अपने शेयर के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
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