UBER Eats ने क्यों बेचा कारोबार लोगों को ऑनलाइन खाना घर घर पहुंचाने वाली कंपनी Uber कैब एग्रीगेटर कारोबार में तो सफल रही है। लेकिन कंपनी की ऑनलाइन खाने के कारोबार UBER Eats भारतीय मार्केट में कुछ खास नही कर पायी। इसलिए कंपनी ने अपना फूड कारोबार अपने ही प्रतिद्वंदी को बेचने का फैसला किया। बाताया जाता है कि ऊबर की अपनी कंपनी पॉलिसी है कि वह अगर मार्केट में पहले या दूसरे नंबर पर नहीं है तो वह उस मार्केट को छोड़ देती है। ऐसे में यह फैसला इसी नीति के तहत लिया गया माना जा रहा है। हालांकि यह अधिग्रहण केवल भारतीय कारोबार के लिए हुआ है। भारत को छोड़कर दुनिया के बाकी देशों में उबर ईट्स के सेवाएं जारी रहेंगी।
Uber Eats कर्मचारियों की छंटनी! इस अधिग्रहण के बाद जो सबसे बड़ा सवाल आता है वो है क्या जोमैटो ऊबर इट्स के कर्मचारियों को अपने पास रखेगी या फिर उवकी छंटनी होगी। उबर ईट्स के इस समय करीब 100 एग्जिक्यूटिव्स ऐसे हैं जो फील्ड में खाना पहुंचाने का काम करते हैं। जानकारों के मुताबिक इन कर्मटचारियों को ऊबर के अन्य वर्टिकल्स में भेजा जा सकता है।
Uber के कैब कारोबार पर असर नही आपको बता दें कि जोमैटो से यह अधिग्रहण के फूड कारोबार के लिए हुआ है। इस अधिग्रहण का उबर के कैब सर्विस पर कोई असर नही होगा। उबर की कैब सर्विस पहले की तरह ही चलती रहेगी। ऊबर कैब ने मौजूदा कैलेंडर वर्ष में 50 से 200 शहरों में सेवा विस्तार का लक्ष्य रखा है। इसमें बाइक सर्विस पर ज्यादा फोकस रखा जाएगा।