scriptफूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में | A visual story of Covid-19 in Asia, as told through mobile apps | Patrika News

फूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में

locationजयपुरPublished: Apr 20, 2020 12:04:19 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

कोरोना वायरस के दौरान हम सभी इस समय वैश्विक लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं। ऐसे में हमारा सबसे अहम साथी इस समय मोबाइल की स्क्रीन ही है।

फूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में

फूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान दुनिया से जुड़े रहने के लिए मोबाइलसे बेहतर कोई साथी नहीं है। ऐसे में मोबाइल ऐप्स और उनके उपयोग का महत्त्व और बढ जाता है क्योंकि आज कोरोना और देश-दुनिया से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर की जानकारी के लिए हमारी निर्भरता आज किराने के सामान से लेकर मनोरंजन तक पहले से कहीं ज्यादा ऐप पर निर्भर करती है। ऐसे में ऐप डवलपर कंपनियां भी नजर गड़ाए हुए हैं कि कोरोना के इस दौर में उद्योग जगत इस महामारी किस तरह देख रहे हैं, प्रमुख उद्योगपति उस पर क्या प्रतिक्रिया दे रहे हैं, कहां अवसर पैदा हो रहे हैं और कहां रास्ते बंद हो रहे हैं। हमाने भी ऐसे में एशिया भर में कुछ प्रमुख मोबाइल ऐप देखे और यह पता लगाने की कोशिश की कि कंपनियां क्या कर रही हैं, क्यों कर रही हैं और इससे हमें क्या पता लगता है।
फूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में
मोबाइल ऐप्स का विश्लेषण कर हम एशिया में कोविड-19 महामारी का एक खाका प्रस्तुत करती हैं। मोबााइल पर ऊपर से नीचे की ओर खबर पढ़ी जाती है और इसमें स्क्रीन भी छोटी होती है। मोबाइल में हम दांए से बांए नहीं जाते, वहीं उपयोगकर्ता मोबाइल पर टच करके उसे चलाता है, इसलिए बहुत सारे ऐप के निचले भाग में नेविगेशन होता है न कि शीर्ष पर क्योंकि यह स्विच करने और प्रयोग के लिहाज से भी आसान है। भारत की दो प्रमुख होम डिलीवरी ऐप में प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद जबरदस्त समानताएं हैं। दोनों में ही नेविगेशन सबसे नीचे है और शीर्ष पर उत्पादों के साथ शुरू में प्राथमिकता के साथ कंपनियों ने अपने ऐप पर मिलने वाले उत्पाद उसकेबाद सेवाओं के बारे में और फिर पुन: फीडबैक के रूप में उत्पादों का जिक्र किया हुआ है। कोरोना ने बहुत सी चीजें बदलकर रख दी हैं। इसलिए अपने ग्राहकों को उत्पाद और सेवा के अलावा दो अन्य बातों पर भी निर्णय लेना था।
फूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में
पहला उत्पाद यानी आप क्या बेच रहे हैं दूसरा सर्विय या सेवा यानी आप इसे कैसे बेच रहे हैं। यानि दोनों ऐप्स एक जोखिम पार्टनर की तरह आपके घर तक आपको सेवाएं दे रहे थे आपको बिना संक्रमण के खतरे में डाले हुए। दोनों के लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण था कि वे उपयोग करने के लिहाज से कितने सुरक्षित थे। उनकी एप्लिकेशन की होम स्क्रीन उसी का प्रतिबिंब है। दोनों ने सबसे ऊपर सुरक्षा उपायों के बारे में सबसे ऊपर जानकारी दी है। अन्य देशों में फूड डिलीवरी ऐप क्या कर रहे हैं?
सिंगापुर में एक विदेशी फूड डिलीवरी ऐप सेवा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी है। ऐसे ही एक अन्य फूड डिलीवरी ऐप ने अपनी ऐप के होमस्क्रीन पर सबसे पहले कोविड-19 वायरस के बारे में सुरक्षा, उसके बाद सेवा और फिर अपने उत्पाद पर ध्यान केंद्रित किया है। साथ ही नीचे एक भावनात्मक संदेश भी लिखा है कि घर के अंदर ही रहें हम आपकी सेवा में हर खतरे कोपार कर पहुंचेंगे। ऐसा क्यों हो रहा है इसे समझने के लिए हमें सिंगापुर जैसे इन देशों में डिलीवरी ऐप और वहां की सरकार की लॉकडाउन एवं कोरोना वायरस को लेकर नजरिए को समझने की जरुरत है।
फूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में
दरअसल, सिंगापुर के अधिकारी महामारी की शुरुआत से ही देश के बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। उनका कॉन्टैक्ट ट्रेािसंग सराहनीय रहा है। जब भी वे किसी व्यक्ति में संक्रमण की पहचान करते हैं तो केवल दो घंटे में इसकी उत्पत्ति की जह को खोज निकालते हैं। वे ऑनलाइन पोस्ट कर उन स्थानों से जानकारी जुटाते हैं जहां संक्रमित लोग काम करते, रहते समय बिताते हैं ताकि संभावित संपर्कों को पहचाना जा सके। इतना ही नहीं वे आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई्र, क्वारनटाइनल और ऐसे लोगोंको आइसोलेशन में भेज देते हैं। इसके बावजूद सिंगापुर में लॉकडाउन लगाया गया क्योंकि अधिकांश नागरिक अपनी सरकार से वायरस को नियंत्रित करने की अपेक्षा करते हैंए न कि फूड डिलीवरी ऐप्स की।ऐसे ही इंडोनेशिया में भी कॉन्टैक्टलैस डिलीवरी नहीं है बल्कि वहां फूड डिलीवरी ऐप्स के शीर्ष पर एक स्लाइडर पर सुरक्षित रहने और कोरोना के प्रसार को रोकने का मैसेज प्रकाशित होता है।
फूड डिलीवरी ऐप्स भी बहुत कुछ बताते हैं कोरोना वायरस के बारे में
जबकि भारत समेत अन्य एशियाई देशों में ज्यादातर फूड ऐप्स सुरक्षा से ज्यादा अपनी सर्विस के फिर से शुरू होने, सीमित डिलीवरी देने और सेवाओं का बखान ही करते नजर आते हैं। बिग बास्केट अपनी रोज की डिलीवरी का ग्राफ अपनी ऐप पर प्रदर्शित करता है। इसी प्रकार कुछ अन्य ऐप्स रियल एस्टेट, इकोनॉमी और देश की राजनीति समेत अन्य बातों के बारे में भी बताते हैं जो यह बताना चाहते हें कि सबकुछ सामान्य है और वे पहले की ही तरह अपना काम कर रहे हैं। यह सब ‘न्यू नॉर्मल’ को स्थापित करने का उनका एक तरीका है जो सरकारों की सहमति से ही हो रहा है। साथ ही कोरोना महामारी जैसी WORLDWIDE समस्या के दौरान इन ऐप्स की क्षमता को दिखाने का एक तरीका भी है। इसका मतलब यह है कि जब कभी फिर ऐसी स्थिति होगी तो लोग स्वीगी या जोमैटो ऐप डाउनलोड नहीं करेंगे बल्कि वे सीधे बिग बास्केट जैसी ऐप पर जाएंग्रे जो उनकी हर समस्रूा का समाधान कर सकती है फिर जरुरत चाहे कैसी भी क्यों न हो। भारत में बिग बास्केट टॉप 50 ऐप्स में 41वें स्थान पर है। जीमेल से तीन पायदान नीचे और ट्रूकॉलर से तीन पायदान ऊपर। ऐ ग्रोसरी ऐप के लिए यह गर्व की बात है।
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