थर्ड पार्टी एप : फ्री के चक्कर में थर्ड पार्टी एप स्टोर, एपीके फाइल के जरिए किसी एप फोन में इंस्टॉल करते हैं। इससे वायरस, स्पाईवेयर फोन का डाटा चुरा सकता है।
अपडेट इग्रोर करना : कंपनियां ऑपरेटिंग सिस्टम का अपडेट देती हैं। इसमें बग फिक्स करने, सिक्योरिटी अपडेट होता है। न करने से मोबाइल हैंग, डिस्चार्ज जल्दी होता है।
सेवा शर्तें नहीं पढ़ते : एप डाउनलोड करने से पहले सेवा शर्तों को जरूर पढ़े। इसमें कई तरह की अनुमति व शर्तें जिस पर आप सहमति देते हैं। इसलिए इसे जरूर पढ़े।
डाटा बैकअप : मेमोरी स्पेस के चक्कर में ज्यादातर डाटा बैकअप नहीं रखते हैं। मोबाइल खराबव चोरी होने पर जरूरी फोटो-वीडियो गायब हो जाते हैं।
एप लिस्ट देखें : मोबाइल में कई बार मेलवेयर व स्पाईवेयर स्वत: डाउनलोड हो जाते हैं। जासूसी व डाटा चोरी करते हैं। सेटिंग में डाउनलोडेड एप की लिस्ट चेक कर अनइंस्टाल करें।
फुल चार्जिंग से पहले निकालना : ज्यादातर लोग फोन चार्जिंग में लगाकर फुल चार्ज से पहले या थोड़ी देर में निकाल लेते हैं। इससे बैटरी की एक लाइफ साइकिल खत्म हो जाती है। बैटरी जल्दी खराब होती है।
बैटरी चार्जिंग : अक्सर बैटरी तब चार्ज करते हैं जब मोबाइल बंद होने को होता है जबकि 20 फीसदी से कम होने पर ही मोबाइल बंद करना चाहिए। बैटरी परफॉर्मेंस बिगड़ती है।20 से 40 फीसदी के बीच हो तो चार्ज पर लगाएं।
नकली एक्सेसरीज : महंगी एक्सेसरीज की वजह से डुप्लीकेट बैटरी, चार्जर, हैडफोन का प्रयोग करते हैं। जो मोबाइल व सेहत दोनों के लिए खतरनाक है।
होम स्क्रीन विजेट्स : मोबाइल की होम स्क्रीन पर ज्यादातर विजेट्स व शार्टकट रखते हैं। इससे फोन की बैटरी जल्दी खत्म होती है। इंटरनेट का उपयोग करने वाले ऐप डाटा डिसप्ले करने में नेट पैक व बैटरी दोनों को खत्म करते हैं।
ऐप परमिशन : ऐप इंस्टॉल करते समय अक्सर लोग हर परमिशन पर ओके कर देते हैं। इनमें मैसेज, फोटो, वीडियो व फोन कॉल को पढऩे की एक्सेस संबंधित होते हैं। जिससे सॉफ्टवेयर डवलपर आपके फोन में सब कुछ देख सकता है।
एक जैसा पासवर्ड : पासवर्ड न भूलें इसलिए ज्यादातर ई मेल, फेसबुक, बैंकिंग एप, मोबाइल का पासवर्ड एक जैसा रखते हैं। हैकर आपके पासवर्ड को हैक कर सभी तरह के अकाउंट में घुस सकता है।
फ्री वाइफाइ : फ्री वाइफाइ मिलते ही फोन कनेक्ट कर मूवी व एप डाउनलोड करते हैं। लेकिन इससे वायरस का खतरा होता है। मोबाइल भी हैक हो सकता है।
फोन लॉक : फोन को पिन-पासवर्ड लॉक करें। बैंकिंग व पर्सनल डाटा होता है। गुम, चोरी होने पर महत्त्वपूर्ण जानकारियों का दुरुपयोग हो सकता है।
डिवाइस मैनेजर : डिवाइस मैनेजर से फोन खोने पर लोकेशन जान सकते हैं। रिमोटली फोन का डाटा डिलीट कर सकते हैं। सेटिंग में जाकर इसे इनेबल करें।
ब्लूटूथ ऑन रखना : डाटा ट्रांसफर करने के बाद ब्लूटूथ बंद करना भूल जाते हैं। इससे मोबाइल एक्सेस हो सकता है। फोन को आसानी से हैक भी किया जा सकता है।