गूगल इंडिया की निदेशक (ट्रस्ट एंड सेफ्टी) सुनीता मोहंती ने कहा कि हम पाठ्यक्रम में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं। गोवा इनमें से एक था। हम कई अन्य सरकारों और केंद्रीय बोर्डों के साथ काम करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि इसे एक नियमित चर्चा का हिस्सा बनाना सुनिश्चित हो सके।
हालांकि उन्होंने इन राज्यों के नाम नहीं बताए। लेकिन इससे पहले गोवा में करीब 460 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया था जिनकी पहुंच करीब 80 हजार छात्रों तक है। स्कूलों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के अलावा गूगल महिलाओं और उपभोक्ताओं को शिक्षित करने का भी काम कर रहा है. इसके साथ ही इंटरनेट पर ब्राउजिंग और लेनदेन करने के दौरान सुरक्षित बने रहने की जरूरत के बारे में भी शिक्षित कर रहा है।
वैश्विक रूप से भी यह कंपनी अपने ऑनलाइन अनुभव को सुरक्षित बनाए रखने के तरीकों का प्रचार करने में जुटी हुई है। और तो और 7 फरवरी को सेफर इंटरनेट डे के रूप में मनाया जाता है।
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से 14 देशों में कराए गए डिजिटल सिविलिटी इंडेक्स सर्वेक्षण में पता चला कि 63 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों पर ऑनलाइन जोखिम का खतरा मंडरा रहा है। करीब 44 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने अपना सबसे ताजा ऑनलाइन जोखिम पिछले माह की महसूस किया है। दिलचस्प बात यह है कि 61 फीसदी महिलाओं की तुलना में 64 फीसदी पुरुषों में इस खतरा के होने की होने की ज्यादा संभावनाओं के बारे में पता चला है।