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मदरसे में मौलवी ने सात वर्षीय बच्ची के साथ किया गंदा काम जानकारी के मुताबिक रिजवान और वसीम जो कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के चक्कर की मिलक निवासी हैं। इनको चोरी के आरोप में जेल भेजकर सिविल लाइन पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। पुलिस की इस कार्रवाई के पीछे का सच क्या है? ये तो जांच का विषय है, लेकिन सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। वीडियो में रिजवान की पिटाई करने के बाद जबरन घटनाएं कुबूल कराई जा रही हैं। परिवार के लोगों का तो यहां तक आरोप है कि पुलिस ने असली मुल्जिमों को वसूली करने के बाद छोड़कर रिजवान और वसीम को फंसाया है। बता दें कि सिविल लाइन पुलिस ने रविवार को मोबाइल, लैपटॉप चोरी करने वाले वसीम और रिजवान को जेल भेज दिया है। बाकायदा उनसे चार मोबाइल, लैपटॉप, चोरी की बाइक, तमंचा और चाकू भी बरामद दिखाया है। पुलिस उक्त दोनों आरोपियों को जेल भेजकर गुडवर्क से अपनी पीठ थपथपा रही थी। तभी सोमवार देर शाम को एक वीडियो वायरल हो गया, जो पुलिस की फर्जी पटकथा को दर्शा रहा है।
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हाइवे पर चलती लग्जरी कार में लगी भीषण आग, दो युवकों ने कूदकर बचाई जान, देखें वीडियो- इस वीडियो रिजवान को बांधने के बाद उसकी फट्टों से पिटाई की जा रही है, पिटाई होते होते भी रिजवान घटनाएं कुबूल करने से इन्कार कर रहा है। तब भी जबरन उससे चोरी की घटनाएं कबूल कराई गई। वीडियो के बारे में पुलिस को जानकारी मिलने के बाद पुलिस पूरे मामले को दबाने में जुट गई है, जबकि रिजवान के परिजन पुलिस की शह पर पिटाई करने का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग को वीडियो भेज रहे हैं। उनका आरोप यहां तक है कि पुलिस ने जिसके पास से लैपटॉप पकड़ा था, उसे थाने लाने के बाद वसूली कर छोड़ दिया है। उधर इंस्पेक्टर सिविल लाइन अजीत सिंह ने किसी वीडियो वायरल होने की जानकारी से इनकार किया है। जबकि घटना रामगंगा विहार चौकी प्रभारी द्वारा युवकों को चोरी के आरोप में जेल भेजा गया है। वहीं इस मामले में एसपी सिटी आशीष श्रीवास्तव ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।