…तो आप भी सोशल मीडिया सेलिब्रिटी
सोशल मीडिया पर आधिकारिक तौर पर एक सेलिब्रिटी का दर्जा पाने के लिए हमें कितने फॉलोवर्स की जरुरत होती है? 300, 30 हजार या ३० लाख? हाल ही ब्रिटेन के एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (विज्ञापन नियामक) ने अपने एक फैसले में खुलासा किया कि सोशल मीडिया पर 30 हजार फॉलोवर्स वाले किसी भी व्यक्ति को सोशल ्रमीडिया सेलिब्रिटी का दर्जा दिया जा सकता है। इसका मतलब है कि सोशल मीडिया पर 30 हजार से अधिक फॉलोवर्स वाला कोई भी व्यक्ति सेलिब्रिटी है। विज्ञापन मानक एजेंसी के इस फैसले से सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले युवाओं में खुशी की लहर है। यह सारा मामला एक सोशल मीडिया ब्लॉगर सारा विलॉक्स नॉट के इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़ा हुआ है। उन्हें एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी के नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया था।
सोशल मीडिया पर आधिकारिक तौर पर एक सेलिब्रिटी का दर्जा पाने के लिए हमें कितने फॉलोवर्स की जरुरत होती है? 300, 30 हजार या ३० लाख? हाल ही ब्रिटेन के एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (विज्ञापन नियामक) ने अपने एक फैसले में खुलासा किया कि सोशल मीडिया पर 30 हजार फॉलोवर्स वाले किसी भी व्यक्ति को सोशल ्रमीडिया सेलिब्रिटी का दर्जा दिया जा सकता है। इसका मतलब है कि सोशल मीडिया पर 30 हजार से अधिक फॉलोवर्स वाला कोई भी व्यक्ति सेलिब्रिटी है। विज्ञापन मानक एजेंसी के इस फैसले से सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले युवाओं में खुशी की लहर है। यह सारा मामला एक सोशल मीडिया ब्लॉगर सारा विलॉक्स नॉट के इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़ा हुआ है। उन्हें एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी के नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया था।
क्या था सारा का मामला
दरअसल, सारा ने एक प्रयोजित पोस्ट को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वे खुद को एक सेलिब्रिटी मानती थीं और ऐसे ही किसी की भी स्पॉन्सर्ड पोस्ट को स्वीकार नहीं कर सकतीं। एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (ASA) ने इसे अपने नियमों का उल्लंघन माना। 27 साल की ब्लॉगर सारा के इस मामले से एएसए के सामने इस बात का खुलासा हुआ कि एक खास फॉलोवर्स की संख्या हासिल कर लेने के बाद कई लोग अब खुद को प्रसिद्ध मान लेते हैं। ब्लॉगर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक फोटो पोस्ट की थी जिसमें वे एलर्जी की दवाइयों का एक पैकेट दिखा रही थीं। तस्वीर में रात के कपड़ों में थीं। एएसए ने इसी बात पर आपत्ति जताते हुए इसे अपने विज्ञापन नियमों का उल्लंघन माना। एएसए ने कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकती थीं क्योंकि वे कोई सेलिब्रिटी नहीं हैं। उस समय तक सारा का अकाउंट 32 हजार फॉलोवर्स की संख्या पार कर गया था। इस पर एएसए ने अपना फैसला सुनाते हुए 30 हजार को सेलिब्रिटी का दर्जा पाने के लिए आदर्श संख्या करार दिया।
दरअसल, सारा ने एक प्रयोजित पोस्ट को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वे खुद को एक सेलिब्रिटी मानती थीं और ऐसे ही किसी की भी स्पॉन्सर्ड पोस्ट को स्वीकार नहीं कर सकतीं। एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (ASA) ने इसे अपने नियमों का उल्लंघन माना। 27 साल की ब्लॉगर सारा के इस मामले से एएसए के सामने इस बात का खुलासा हुआ कि एक खास फॉलोवर्स की संख्या हासिल कर लेने के बाद कई लोग अब खुद को प्रसिद्ध मान लेते हैं। ब्लॉगर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक फोटो पोस्ट की थी जिसमें वे एलर्जी की दवाइयों का एक पैकेट दिखा रही थीं। तस्वीर में रात के कपड़ों में थीं। एएसए ने इसी बात पर आपत्ति जताते हुए इसे अपने विज्ञापन नियमों का उल्लंघन माना। एएसए ने कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकती थीं क्योंकि वे कोई सेलिब्रिटी नहीं हैं। उस समय तक सारा का अकाउंट 32 हजार फॉलोवर्स की संख्या पार कर गया था। इस पर एएसए ने अपना फैसला सुनाते हुए 30 हजार को सेलिब्रिटी का दर्जा पाने के लिए आदर्श संख्या करार दिया।
इन भारतीय ऐप्स से दिखाएं टैलेंट
मित्रों ऐप- यह ऐप टिकटॉक का भारतीय विकल्प बन रहा है। इस ऐप के ४.७ रेटिंग के साथ अब ५० लाख से अधिक डाउनलोड हैं। मित्रों ऐप को आइआइटी रुढ़की के एक छात्र शिवांक अग्रवाल ने बनाया है। यह ऐप गूगल प्ले व ऐपल स्टोर पर भी उपलब्ध है।
मित्रों ऐप- यह ऐप टिकटॉक का भारतीय विकल्प बन रहा है। इस ऐप के ४.७ रेटिंग के साथ अब ५० लाख से अधिक डाउनलोड हैं। मित्रों ऐप को आइआइटी रुढ़की के एक छात्र शिवांक अग्रवाल ने बनाया है। यह ऐप गूगल प्ले व ऐपल स्टोर पर भी उपलब्ध है।
चिंगारी- टिकटॉक को ही टक्कर देने के लिए बैंगलुरू के दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर छात्रों बिस्वत्मा नायक और सिद्धार्थ गौतम ने एक शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप चिंगारी भी बनाया है। गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप की 5 में से 4.7 स्टार रेटिंग है। ऐप को गूगल प्ले स्टोर से 2.5 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है। साथ ही, वीडियो के वायरल होने पर यह ऐप कंटेंट क्रिएटर को भुगतान भी करता है। यह देसी ऐप हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, गुजराती, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तमिल और तेलुगु भाषाओं में गूगल प्ले व ऐपल स्टोर पर उपलब्ध है।
बोलो इंडया- ऐप SynergyByte Media Pvt Ltd. द्वारा डवलप्ड एक भारतीय शार्ट वीडियो ऐप है। प्ले स्टोर पर इसकी 4.6 स्टार रेटिंग है। इस भारतीय ऐप को अब तक 1 लाख से अधिक यूजर डाउनलोड कर चुके हैं। बोलो इंडया में यूजर्स अपनी पसंदीदा क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो बना और देख सकते हैं। ऐप एंटरटेनमेंट के बजाय इन्फोटेनमेंट पर केंद्रित है।
रोपोसो- यह ऐप भारत में वीडियो शेयरिंग ऐप की दुनिया में संभवत: सबसे पुराना ऐप है । टिकटॉक की ही तरह इसमें भी यूजर्स 20 सेकंड के छोटे वीडियो बना सकते हैं। प्ले स्टोर पर इसकी रेटिंग 4.2 है और ५ लाख से अधिक यूजर्स हैं। ऐप यूजर्स को अपने वीडियो के माध्यम से पैसे कमाने का अवसर भी देता है। फीचर किए गए प्रत्येक वीडियो के लिए, रोपोसो उपयोगकर्ता को साइंस देता है। गूगल प्ले व ऐपल स्टोर पर भी उपलब्ध है।