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हक मांगने RTO दफ्तर पहुंचे दिव्यांगों को बनाया बंधक, यहां पढ़ें परिवहन विभाग के जिम्मेदारों का दुस्साहस

locationसतनाPublished: Mar 06, 2018 02:21:41 pm

Submitted by:

suresh mishra

कक्ष में बंद कर गायब हो गए अधिकारी, कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद कक्ष खुला

Divyang youth Mortgage in Satna RTO office

Divyang youth Mortgage in Satna RTO office

सतना। दिव्यांगों के साथ परिवहन विभाग में असंवेदनशीलता का मामला सामने आया है। सोमवार को शाम के वक्त विभाग के कर्मचारी करीब एक दर्जन दिव्यांगों को कक्ष में बंद कर गायब हो गए। जब मामले की शिकायत आला अधिकारियों से हुई, तो हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में कक्ष का दरवाजा खोला गया और सभी को बाहर निकाला गया। जानकारी के अनुसार, सोमवार की सुबह 10 बजे दिव्यांग आरटीओ कार्यालय पहुंचे थे।

जिले में बस ऑपरेटर ये लाभ नहीं दे रहे
उनका कहना था कि शासन के आदेश हैं कि यात्री बसों के किराए में 50 फीसदी की छूट प्राप्त है। जिले में बस ऑपरेटर ये लाभ नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में स्थाई आदेश जारी किया जाए और उनके पास बनाए जाएं। लेकिन, कोई अधिकारी उनको सही जवाब नहीं दे पा रहा था।
कक्ष में दिव्यांगों को बंदकर चले गए

लिहाजा, वे देर शाम तक विभाग में डटे रहे। शाम करीब 6 बजे विभागीय कर्मचारियों ने दफ्तर बंद करने की बात कहते हुए उन्हें जाने के लिए कहा। लेकिन, विकलांग तैयार नहीं हुए। आरोप है कि उसके बाद कर्मचारी विभाग के कक्ष में दिव्यांगों को बंदकर चले गए।
कलेक्टर के संज्ञान में मामला आया

इसके बाद दिव्यांगों ने अधिकारियों से संपर्क साधना शुरू किया। इसी बीच कलेक्टर के संज्ञान में मामला आया। उन्होंने जब परिवहन विभाग के अधिकारियों से बात की तो हड़कंप मच गया और आनन-फानन में कक्ष का ताला खोलकर उन्हें निकाला गया। करीब दो घंटे तक वे बंधक बने रहे।
15 दिव्यांग बंद रहे
आरोप है, परिवहन विभाग के दफ्तर में 15 विकलांगों को बंद किया गया था। सभी दिव्यांग सेवा समिति के माध्यम से अपनी मांग करने पहुंचे थे। कोषाध्यक्ष विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कक्ष में शिवपाल रजक, नागेंद्र गर्ग, शिवम त्रिपाठी, रामखिलावन साहू, प्रमोद कुशवाहा, विनय कुमार पांडेय, मिथिलेश वर्मा सहित 15 लोग बंद थे। वे स्वयं बंद रहे हैं।
आरटीओ से बात की है। किसी भी दिव्यांग के बंधक होने की बात सामने नहीं आई है। हालांकि निर्देश दिए हैं।
मुकेश कुमार शुक्ला, कलेक्टर, सतना

विकलांग पहुंचे थे। उनकी समस्याओं का निराकरण कराने का प्रयास जारी है। उन्हें कक्ष में बंद करने की बात निराधार है। विस के सवालों को जवाब तैयार हो रहा है। लिहाजा, कार्यालय 9 बजे तक खुला था।
संजय श्रीवास्तव, आरटीओ, सतना
हम लोगों को बंद किया गया था। हमने जब शीर्ष अधिकारियों से संपर्क साधा, तो उसके बाद कक्ष से बाहर निकाला गया।
विनय कुमार पांडेय, कोषाध्यक्ष, दिव्यांग सेवा समिति

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