लीथियम बैट्रीज का विकल्प
रेडॉक्स फ्लो बैट्री लिथियम-आयन बैट्री का सबसे आशाजनक विकल्प हैं, क्योंकि वे अपेक्षाकृत कम लागत पर बड़ी मात्रा में ऊर्जा स्टोर कर सकते हैं। जबकि लिथियम-आयन बैटरी अपने इलेक्ट्रोड में ऊर्जा स्टोर करती है। इसलिए बैट्री की क्षमता डिवाइस के आकार पर निर्भर करती है। रेडॉक्स फ्लो बैट्री एक बार में कई महीनों के लिए विशाल टैंकों में रखे तरल इलेक्ट्रोलाइट्स में ऊर्जा स्टोर का संग्रहण कर सकती हैं।
इसलिए ज्यादा इको-फ्रेंडली
रेडॉक्स फ्लो बैट्री के इको-क्रेडेंशियल्स में एक दुर्लभ और महंगी धातु वैनेडियम का उपयोग होता है। यह धातु इलेक्ट्रोलाइट समाधान का आधार है और चार्जिंग एवं डिस्चार्जिंग के दौरान बहुत कारगर भी है। लेकिन बहुत से शोधकर्ताओं को यह उपयोगिता वैनेडियम की बजाय पानी आधारित इलेक्ट्रोलाइट्स में एक ज्यादा ग्रीन विकल्प देखते हैं। इसमें जर्मनी की दुनिया की सबसे बड़ी रेडॉक्स फ्लो बैट्री बनाने वाली टीम शामिल है। लिंकोपिंग विश्वविद्यालय की टीम इसी इलेक्ट्रोलाइट मुद्दे को हल करने का समाधान सामने रख रही है। उन्होंने हाल ही दुनिया की पहली पहली ऑल-आर्र्गेनिक रेडॉक्स फ्लो बैटरी बनाई है। इसममें पेडोट (PEDOT) से बने इलेक्ट्रोड होते हैं, जो एक आर्गेनिक और कन्ड्यूसिंग पोलीमर (जैविक और संघनित बहुलक) है, जिसे एडवांस्ड लिथियम-आयन बैटरी डिज़ाइनों में भी उपयोग किया गया है। इसकी ‘स्मार्ट ब्रिक’ ऊर्जा को स्टोर करती हैं। विश्वविद्यालय के इंजीनियरों ने बैटरी के पॉज़िटिव और निगेटिव आयनों को ट्रांसपोर्ट करने में सक्षम करने के लिए पेडोट पोलीमर का उपयोग किया है।
घरेलू एवं कारों में उपयोग लायक
टीम ने पाया की पेडोट इलेक्ट्रोड और क्विनोन-आधारित इलेक्ट्रोलाइट्स ने बैटरी में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को बढ़ाने के लिए एक साथ काम किया। वे दावा करते हैं कि उनका उपकरण बहुत सुरक्षित, सस्ता और पूरी तरह से रिसाइकिल करने लायक मटीरियल से बना है। इसे बिजली के वाहनों के लिए पावर बैंक के रूप में और घरेलू उपयोग के लिए लगाया जा सकता है। यह अध्ययन जर्नल एडवांस्ड फंक्शानल मटेरियल में प्रकाशित हुआ था।