हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि टेलीकॉम कंपनियां अपने टैरिफ प्लान की कीमतों में कितनी बढ़ोतरी करेगी। वहीं ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टैरिफ में बढ़ोतरी और ग्राहकों का 2G से 4G में अपग्रेडेशन से टेलीकॉम कंपनियों के एवरेज रेवेन्यू में सुधार होगा। रिपोर्ट के अनुसार, प्रति यूजर साल के बीच तक यह करीब 220 रुपए हो सकता है। वहीं अगले 2 साल में इंडस्ट्री का रेवेन्यू 11 प्रतिशत से 13 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022 में आपरेटिंग मार्जिन करीब 38 प्रतिशत बढ़ेगा।
बता दें कि कोरोनाकाल में डेटा का उपभोग ज्यादा बढ़ गया है। कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम और स्टडी फ्रॉम होम की वजह से इंटरनेट का उपभोग बढ़ गया। लॉकडाउन में डेटा यूजेज और टैरिफ में बढ़ोतरी के कारण स्थिति में सुधार हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों पर कुल एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का 1.69 लाख करोड़ रुपए बकाया है। इसमें से अभी तक 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपए ही चुकाए हैं। बकाया रकम की बात करें तो रिपोर्ट के अनुसार, एयरटेल पर करीब 25,976 करोड़ रुपए, वोडाफोन आइडिया पर 50399 करोड़ और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 16,798 करोड़ रुपए अभी भी बकाया है।