इन दस्तावेजों के प्रमाणिक होने की अभी तक पुष्टि भी नहीं की जा सकी है, लेकिन इनका अध्ययन कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि जारी किए गए दस्तावेजों से सीआईए हिल जाएगी। दस्तावेज और दावा
दस्तावेजों में कहा गया है है कि सीआईए आपके व्हाट्सएप संदेशों को पढ़ सकती है। साथ ही वेबसाइट ने कथित साइबर हथियारों का जिक्र किया है। उसका दावा है कि इनमें ऐसे वायरस हैं जो विंडोज, एंड्रॉयड और आईओएस, ओएसएक्स और लाइनक्स कंप्यूटरों में सेंध लगा सकते हैं।
इतना ही नहीं, विकीलीक्स ने यह भी कहा है कि इस कार्य में इस्तेमाल होने वाले कुछ सॉफ्टवेयर खुद सीआईए ने तैयार किए हैं ताकि नेटवर्क में घुसपैठ आसान हो जाए। क्या कहती है सीआईए
विकीलीक्स ने जो दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं, उनकी तादाद हजारों में है। जानकारी के अनुसार वेबसाइट ने 8,761 दस्तावेज पेश किए हैं। इनके आधार पर इसका कहना है कि सीआईए ने खास किस्म के सॉफ्टवेयर और वायरस तैयार करने में महारत हासिल कर ली है, जिनकी मदद से वह स्मार्टफोन में झांक सकती है।
वहीं सीआईए के प्रवक्ता ने विकीलीक्स के दावों की पुष्टि नहीं की है। एक बयान में उन्होंने कहा, हम तथाकथित खुफिया दस्तावेजों की सत्यता पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। गौरतलब है कि इससे पहले भी विकीलीक्स अपने दस्तावेजों और खुलासों से सनसनी मचा चुकी है।