एक रिपोर्ट के अनुसार, सेटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी को भारत में संचालन करने के एलन मस्क ने सरकार से इजाजत मांगी है। बता दें कि भारत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए ट्राई ने पिछले साल अगस्त में एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया था। इसके जवाब में SpaceX की सेटेलाइट गवर्नमेंट अफेयर्स पैट्रीशिया कूपर ने कहा कि उनकी कंपनी के हाई स्पीड सेटेलाइट नेटवर्क से भारत के सभी लोगों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने के लक्ष्य में मदद मिलेगी।
बता दें कि भारत में करीब 700 मिलियन इंटरनेट सब्सक्राइबर्स हैं। हमारे देश में इंटरनेट की औसत स्पीड 12 Mbps है। हालांकि जल्द ही 5G आने की उम्मीद है और इसके बाद इंटरनेट स्पीड बढ़ जाएगी। 5जी आने के बाद भी देश के गांवों और दूर दराज के लिए इलाकों में इसे पहुंचने में वक्त लग सकता है। वहीं SpaceX के स्टारलिंक प्रोजेक्ट से इस काम को जल्द पूरा किया जा सकता है। इसके जरिए लोगों को 150 Mbps तक की स्पीड उपलब्ध कराई जा सकती है। साथ ही यह फाइबर ऑप्टिक कैबल की जगह यह सर्विस सस्ती भी पड़ेगी।
बता दें कि Starlink पृथ्वी की निचली कक्षा में घूमने वाली सेटेलाइट सर्विस है, जो ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराती है। इसके लिए कंपनी ने करीब 1,000 सेटेलाइट लॉन्च किए हैं। अब SpaceX वर्ष 2027 तक 12,000 डेस्क साइज सेटेलाइट लॉन्चिंग की तैयारी कर रही है। SpaceX के मुताबिक उसकी इंटरनेट की स्पीड 50Mbps से 150Mbps के बीच होगी। इसके जरिए दूर—दराज के इलाकों में अच्छी इंटरनेट स्पीड उपलब्ध कराई जा सकती है।