क्या है औषधीय छाछ ? (What is medicinal buttermilk?)
औषधीय छाछ एक प्रकार का ड्रिंक है जिसे ‘खलम’ भी कहा जाता है।खलम को सर्दी-खांसी और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद माना जाता है।Ministry of Ayush के मुताबिक यह आयुर्वेदिक छाछ है, जो शरीर को नई ऊर्जा देने का काम करता है। इसे भी पढ़ें- “Dalchini milk : दालचीनी वाला दूध, सोने से पहले पिएं, देखें चमत्कारी असर”
अदरक – छोटा टुकड़ा
छाछ – 2 कप
हींग – 2 चुटकी
हल्दी पाउडर – 2 चुटकी
सेंधा नमक, काली मिर्च – 2 चुटकी
जानें आयुर्वेदिक छाछ बनाने की विधि (Learn the method of making Ayurvedic buttermilk)
सामग्री:अदरक – छोटा टुकड़ा
छाछ – 2 कप
हींग – 2 चुटकी
हल्दी पाउडर – 2 चुटकी
सेंधा नमक, काली मिर्च – 2 चुटकी
विधि: इस आयुर्वेदिक छाछ ड्रिंक को बनाने के लिए सबसे पहले अदरक का पेस्ट तैयार कर लें। फिर उबलते छाछ में अदरक डालें और एक मिनट तक उबाल लें।
जब अच्छे से उबाल आ जाए तो उसमें हींग, सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डालें और मिलाएं। तैयार है आपका खलम औषधीय छाछ।
जब अच्छे से उबाल आ जाए तो उसमें हींग, सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डालें और मिलाएं। तैयार है आपका खलम औषधीय छाछ।
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आयुष मंत्रालय संस्था ने बताया इसके कई स्वास्थ्य लाभ है (Ministry of Ayush organization told that it has many health benefits)
यह गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद है और यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है। सर्दी, खांसी और पाचन की अन्य समस्याओं में फायदेमंद है।
किसी भी बीमारी के बाद इसे पीने से शरीर को नई एनर्जी मिलती है और रिकवरी तेज होती है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
किसी भी बीमारी के बाद इसे पीने से शरीर को नई एनर्जी मिलती है और रिकवरी तेज होती है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।