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शादी से पहले करेंगे ये काम, तो आएगा जीवनभर मजा

Published: May 03, 2017 05:49:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

आज भी बार-बार शादी को अच्छा नहीं मानते। ऐसे में स्त्री और पुरुष, दोनों पर दबाव होता है कि विवाह सफल हो।

Premarital Counseling

Premarital Counseling

आज भी बार-बार शादी को अच्छा नहीं मानते। ऐसे में स्त्री और पुरुष, दोनों पर दबाव होता है कि विवाह सफल हो। विवाह करने के इच्छुक, इस बंधन में बंधने वाले युवक-युवती के बीच आजकल प्री मैरिटल काउंसलिंग बहुत लोकप्रिय हो रही है। यह आज की आवश्यकता है।
क्या है प्री मैरिटल काउंसलिंग

प्री मैरिटल काउंसलिंग यानि युवक-युवती को होने वाले विवाह बंधन को निभाने के लिए मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से तैयार करना है।

क्यों जरूरी है

शादी से पहले लड़का-लड़की भले ही एक दूसरे से मिल चुके हों, एक-दूसरे को जानते हों या हो सकता है कि लिव इन में साथ रहे हों पर शादी होते ही भूमिकाएं बदलने से काफी जिम्मेदारी आ जाती है, जिसे निभाने के लिए एक-दूसरे की अपेक्षाओं को समझना, उन पर खरा उतरना जरूरी है। काउंसलिंग आपको इसी के लिए तैयार करती है।
काउंसलर कहां ढूंढें

एक बार तय करने के बाद कि आपको विवाह पूर्व परामर्श लेना है, अखबारों में, विज्ञापनों में, काउंसलर ढूंढें। बड़े शहरों में व्यावसायिक सर्विस देने वाले परामर्शदाता उपलब्ध हैं। आप चाहे तो किसी रिश्तेदार या मित्र, जिन्हें आप बेहद सफल दंपती मानते हों, उनकी मदद भी ले सकते हैं। आप निर्णय करें कि परामर्शदाता स्त्री हो या पुरुष। टेलीफोन डायरेक्टरी या इंटरनेट से आप परामर्शदाताओं को खोज सकते हैं।
पहले कभी आवश्यकता क्यों नहीं पड़ी

पहले शादियां अधिकतर अरेंज्ड होती थीं। वधू की उम्र कम होने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर न होने की वजह से वो निभा लेती थी। लोक-लाज का भय भी काफी होता था पर अब लड़कियां स्वावलम्बी हैं और समाज भी विवाह विच्छेद को धीरे-धीरे स्वीकार रहा है।
काउंसलर के पास क्या डिग्री हो

यदि आप किसी प्रोफेशनल से मशविरा लेना चाहते हैं तो उसके पास ये डिग्रियां हो सकती हैं…

एम एस डब्ल्यू…

समाज सेवा में मास्टर्स। इन्हें व्यक्ति समूह, परिवारों के सामाजिक और भावनात्मक तरीकों व मापदंडों का ज्ञान होता है ।
एम एफ सी सी…

विज्ञान में मास्टर्स। इन्हें शादी, परिवार, बच्चों के बारे में विशेषज्ञता हासिल होती है। समस्याओं को परिवार के तौर पर और व्यक्तिगत तौर पर ये समझ पाते हैं।

एम एफ टी…
समाज सेवा और रिश्तों में मास्टर्स, ये डिग्रीधारक मानवीय विकास, अन्र्तव्यैक्तिक रिश्तों और सम्प्रेषण कला के जानकार होते हैं।

एल सी एस डब्ल्यू…

यानी लाइसेंसशुदा क्लीनिकल समाजसेवी। ये काउंसलर समाज सेवा, जानकारी, तरीकों और भावनाओं को दंपतियों में, परिवारों में, संस्थाओं में निभाना सिखाते हैं।
परामर्श कैसे लेना है तय करें

कुछ परामर्शदाता टेलीफोन पर राय दे देते हैं, कुछ सिटिंग्स देते हैं। कुछ लगातार हफ्ते में तीन या चार बार बुलाते हैं। काउंसलर से मिलने से पहले आप तय करें कि आपके लिए एक सिटिंग काफी है या ज्यादा सिटिंग्स चाहिए। 
फोन पर वार्तालाप करने से काम चल जाएगा अथवा नहीं। दोनों जाना पसंद करेंगे या युवक-युवती में से सिर्फ एक जाएगा। काउंसलिंग की अवधि, चार्जेज, सभी पहले तय करना सही होता है। आपका मंगेत कब व कैसे, वहां तक पहुंच पाएगा, निर्धारित करें।
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