स्वभाव में अंतर
माता-पिता के स्वभाव में काफी अंतर होता है। मां बच्चे को डांटती है तो पुचकार भी लेती हैं। लेकिन पिता का स्वभाव इससे अलग होता है। हमारे समाज में पिता को नारियल की तरह माना गया है। जो बाहर से कठोर और अंदर से मुलायम होता है। पिता चाह कर भी मां की तरह अपने प्रेम को व्यक्त नहीं कर पाता है। जिससे पुत्र यह समझ बैठता है कि पिता उससे मतलब ही नहीं रखते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि बेटा पिता से अपनी बातें साझा करना छोड़ देता है और दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगती हैं।
पिता-पुत्र के बीच अधिकतर विचारों में काफी अंतर रहता है। यह आज के समय में और भी सामान्य बात हो गई है। जानकार मानते हैं कि पिता और पुत्र दोनों ही पुरुष हैं अतह दोनों के ईगो टराते हैं जिससे उनके बीच का तनाव किसी एक बिंदु पर खत्म नहीं होता है बल्कि दोनों के बीच तनाव बढ़ता जाता है, और यह गांठ आगे चलकर दोनों के लिए कष्ट का कारण बन सकता है।