Honey: हनी यानी शहद के कई गुण हैं। यह एक नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है जो वायु मार्ग (airways) को शांत करने में मदद कर सकता है। सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से बेहतर नींद आती है। Ginger: अदरक अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। इसी कारण यह एयरवेज यानी वायु मार्ग में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। अस्थमा की तकलीफ कम करने के लिए अदरक की चाय का सेवन या ताजा अदरक को पीसकर गर्म पानी में उसकी स्टीम लेने से फायदा हो सकता है। Coffee: कॉफी में कैफीन होता है, जो सांस लेने में मदद कर सकता है। हालांकि कॉफी का सेवन कंट्रोल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि बहुत अधिक कैफीन के नेगेटिव इफेक्ट हो सकते हैं। Eucalyptus oil: युकलिप्टुस ऑयल, जिसे नीलगिरी के तेल कहते हैं, भी अस्थमा के घरेलू इलाज में काम आ सकता है। यह वायु मार्ग पर शांत प्रभाव डालने में मददगार है। इससे सूजन को कम किया जा सकता है। नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को नारियल के तेल जैसे के साथ मिलकर इसे अपनी छाती और गले पर लगाने से राहत मिलती है। Omega-3 fatty acids: ओमेगा-3 फैटी एसिड में भी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। अलसी और चिया बीज (flax seeds and chia seeds) ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं। जिन लोगों को अक्सर सांस लेने में तकलीफ होती है उन्हें तुरंत मेडिकल हेल्प ले कर अपना इलाज करवाना चाहिए। यदि अस्थमा अपनी शुरुआती स्टेज पर है तो डॉक्टर्स की सलाह के साथ ही इसका इलाज करने के लिए नेचुरल प्रोडक्ट्स और होम रेमेडीज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Honey: हनी यानी शहद के कई गुण हैं। यह एक नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है जो वायु मार्ग (airways) को शांत करने में मदद कर सकता है। सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से बेहतर नींद आती है। Ginger: अदरक अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। इसी कारण यह एयरवेज यानी वायु मार्ग में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। अस्थमा की तकलीफ कम करने के लिए अदरक की चाय का सेवन या ताजा अदरक को पीसकर गर्म पानी में उसकी स्टीम लेने से फायदा हो सकता है। Coffee: कॉफी में कैफीन होता है, जो सांस लेने में मदद कर सकता है। हालांकि कॉफी का सेवन कंट्रोल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि बहुत अधिक कैफीन के नेगेटिव इफेक्ट हो सकते हैं। Eucalyptus oil: युकलिप्टुस ऑयल, जिसे नीलगिरी के तेल कहते हैं, भी अस्थमा के घरेलू इलाज में काम आ सकता है। यह वायु मार्ग पर शांत प्रभाव डालने में मददगार है। इससे सूजन को कम किया जा सकता है। नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को नारियल के तेल जैसे के साथ मिलकर इसे अपनी छाती और गले पर लगाने से राहत मिलती है। Omega-3 fatty acids: ओमेगा-3 फैटी एसिड में भी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। अलसी और चिया बीज (flax seeds and chia seeds) ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं। जिन लोगों को अक्सर सांस लेने में तकलीफ होती है उन्हें तुरंत मेडिकल हेल्प ले कर अपना इलाज करवाना चाहिए। यदि अस्थमा अपनी शुरुआती स्टेज पर है तो डॉक्टर्स की सलाह के साथ ही इसका इलाज करने के लिए नेचुरल प्रोडक्ट्स और होम रेमेडीज का इस्तेमाल कर सकते हैं।