जरूरत होने पर ना जरूर कहें हां कहना गलत नहीं है लेकिन हर बार और खासकर तब जब आप ना कहना चाहती हों,तब हां कहना गलत है। समय न होने की स्थिति में या गैरजरूरी चीजों के लिए भी हां कहकर आप खुद को ही मुश्किल में डाल देती हैं और खुद के लिए बचाए समय में कटौती कर देती हैं सो अलग।
अलग-अलग पहलू पर हरेक की अपनी राय होती है लेकिन आप कभी अपनी राय जाहिर नहीं करतीं। अलग होने पर भी आप अपनी सोच को साझा नहीं करतीं तो यकीनन आपकी नजर में अपनी सोच महत्वपूर्ण नहीं है।
कुछ दायित्व और जिम्मेदारियां हम सभी के हिस्से में होती हैं लेकिन इन्हें निभाते-निभाते अगर आप खुद के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लगातार नजरअंदाज करती रहेंगी तो नुकसान आपको झेलना पड़ेगा। दूसरों को खुश रखने की मंशा में बुराई कुछ भी नहीं है लेकिन अगर आपके इस प्रयास के बदले आपको कुछ नहीं मिल रहा है तो समझ लीजिए कि लोग आपका बेजा फायदा उठा रहे हैं। हमेशा दूसरों की खुशी के लिए कुछ करना अपने समय का सही निवेश नहीं है।
दोस्त अच्छे-बुरे समय के संगी होते हैं लेकिन अगर आपके दोस्तों में ऐसे लोग शामिल हैं, जो आपकी सराहना नहीं करते और न ही आपके मूल्यों और मान्यताओं से इत्तफाक रखते हैं तो निश्चित ही आप की ओर से यह संकेत जाता है कि आप महत्वपूर्ण नहीं हैं और न ही यह महत्वपूर्ण है कि आप क्या बनना चाहती हैं।