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पीरियड्स पर एक छुट्टी को लेकर इस देश में छिड़ी बहस

Published: Jan 30, 2017 05:54:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

माहवारी पर महिलाओं को महीने में एक अतिरिक्त छुट्टी, जांबिया में महिलाओं को मिली इस सुविधा पर हो रही बहस है।

women periods

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माहवारी पर महिलाओं को महीने में एक अतिरिक्त छुट्टी, जांबिया में महिलाओं को मिली इस सुविधा पर हो रही बहस है। जांबिया में महिलाओं को महीने में एक दिन माहवारी के दौरान छुट्टी देने का कानून बनाया गया है। गौरतलब है कि पूरे अफ्रीका में यह अपनी तरह का इकलौता कानून है।
2015 में पास हुए इस कानून को मदर्स डे कहा जाता है। इस दौरान होने वाली परेशानियों के मद्देनजर ये कानून बनाया गया। इस छुट्टी के लिए वर्किंग वुमन को पहले से नोटिस देने की जरूरत भी नहीं है। इस कानून की खास बात यह है कि यह छुट्टी उन महिलाओं के लिए भी है जिनका मेनोपॉज हो चुका है।
लुसाका में कार्यरत एक महिला अधिकारी का कहना है कि इस छुट्टी से मुझे मेरी शारीरिक जरूरतों का ध्यान रखने में मदद मिलती है। यह छुट्टी मेरे लिए बेहद अहम है और मैं हमेशा इसका समर्थन करती हूं।
हैरानी वाली बात ये है कि पुरुषों के साथ महिलाएं भी इस कानून का विरोध कर रही हैं। कई महिलाओं का कहना है कि बड़ी तादाद में महिलाएं इस छुट्टी का गलत इस्तेमाल करती हैं। कानून के विरोध में महिलाओं का आने से ही ये हटकर मुद्दा बन गया है। लेकिन आलोचना के बावजूद कानून के समर्थन में जांबिया सरकार डटी हुई है। पुरुष भी महिलाओं को मिले इस प्रिवलेज से नाखुश हैं।
ऐसे अस्तित्व में आया कानून

जांबिया पूर्वी अफ्रीका का एक देश है और यहां लोगों के बीच सेक्शुअल स्वास्थ्य पर चर्चा को लेकर हिचक है। जांबिया में सेक्स और निजी स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा करना सही नहीं माना जाता है। यहां पेरेंट्स अपने बच्चों को उनके जन्म होने के बारे में ठीक से नहीं बता पाते। बच्चे ने जन्म कैसे लिया, जैसे सवालों का जवाब अक्सर अस्पताल से लेकर आए होता है। इसी के मद्देनजर साल 2015 में जांबिया के रोजगार कानून में संशोधन किया गया। इस संशोधन के बाद सभी महिलाओं को हर महीने माहवारी के दौरान एक दिन का अतिरिक्त अवकाश देने का कानून बनाया गया।
अन्य देशों में इससे जुड़ा कानून हैं

जापान ने 1947 में ही ऐसा कानून बनाया था। इंडोनेशिया, ताईवान और दक्षिणी कोरिया में भी यह कानून है। ब्रिटेन में कोएग्जि़स्ट नॉन-प्रॉफि ट कंपनी ने भी इस तरह का एक प्रयोग शुरू किया है। इस पहल में माहवारी से गुजर रहीं महिलाओं के कामकाज के घंटों को लचीला किया गया है।

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