मिले सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा इस दौरान एलयू में उम्मीद की जा रही है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए बीएचयू और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की तर्ज पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के दर्जे का एलान कर दें। जिससे एलयू के स्तर में जमीन-आसमान का अंतर आ जाएगा। इस समय एलयू की नैक रैंकिंग भी केवल बी प्लस है। जिसके पीछे बड़ी वजह लविवि को मिलने वाली बेहद कम ग्रांट भी है। विश्वविद्यालय को 300 करोड़ के बजट में केवल 32 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलती है। मगर केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल पाने से एलयू की ग्रांट कई गुना बढ़ जाएगी। नए कोर्स और नई पहचान विश्वविद्यालय को मिलेगी। इस संबंध में लूटा ने फरवरी में हुई अपनी बैठक में प्रस्ताव बनाया था। जिसको अग्रेतर प्रेषित भी किया जा चुका है। लूटा के पदाधिकारियों का कहना है कि एलयू को 100 वें साल में केंद्रीय विश्वविद्यालय होना ही चाहिए। जिससे प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीद की जा रही है कि वे इस संबंध में घोषणा कर दें।
पीएम मोदी भी होंगे शामिल एलयू के प्रवक्ता ने दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि 25 नवंबर को हमारा सबसे प्रमुख आयोजन होगा, जिसमें पीएम का शामिल होना गौरव की बात है। ये पांच दिन का सबसे अहम आयोजन होगा, जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन और विद्यार्थियों को अहम संदेश होगा। 100 वें साल का ये आयोजन अब बहुत खास हो जाएगा। प्रधानमंत्री का लविवि के लिए दिया गया संदेश एक मील का पत्थर साबित होगा। वहीं एलयू के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी होना गर्व का विषय है मगर इसको लेकर निर्णय सरकार ही कर सकती है। 100 वां स्थापना वर्ष है, ऐसे में ये निर्णय हो जाए तो अद्भूत होगा।
1920 में हुई थी स्थापना आपको बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में हुई थी। एलयू भारत में उच्च शिक्षा के सबसे पुराने सरकारी स्वामित्व वाले संस्थानों में एक है, जो यूपी सरकार द्वारा संचालित है। विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर बादशाहबाग, और दूसरा परिसर जानकीपुरम में स्थित है। लखनऊ विश्वविद्यालय से करीब 160 महाविद्यालय संबंद्ध हैं। इस विश्वविद्यालय का संबंध अनुदान आयोग, राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संगठन, भारतीय विश्वविद्यालय संगठन, दूरस्थ शिक्षा परिषद से है। विश्वाद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद से सर्टिफाइड है।