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महिला परिवार की धुरी है फिर क्यों उसी को सशक्त बनाने से दूरी हैः डॉ प्रीति वर्मा

locationलखनऊPublished: Jan 24, 2021 09:02:48 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

राष्ट्रीय बालिक दिवस पर 1090 वुमेन पॉवर लाइन यूपी में आयोजित हुआ ओरियनटेशन कार्यक्रम
-कार्यक्रम में सड़कों पर रहने वाली लड़कियों व उनकी सुरक्षा व अन्य तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई
 

महिला परिवार की धुरी है फिर क्यों उसी को सशक्त बनाने से दूरी हैः डॉ प्रीति वर्मा

महिला परिवार की धुरी है फिर क्यों उसी को सशक्त बनाने से दूरी हैः डॉ प्रीति वर्मा

लखनऊ। महिला परिवार की धुरी है फिर क्यों उसी को सशक्त बनाने से दूरी है। महिला के सशक्त होने से परिवार के साथ साथ देश की भी उन्नति होती है। ये बात डॉ. प्रीति वर्मा, सदस्य उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (UPSCPCR) राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर 24 जनवरी 2021 को 1090 वुमेन पॉवर लाइन यूपी में सेव द चिल्ड्रन पिआगजियो विहाइकल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सपोर्टेड और अभियान शक्ति और कैरीटास इंडिया के सौजन्य से आयोजित ओरियटेंशन कार्यक्रम में बोल रही थी।
ये कार्यक्रम लखनऊ में रोड पर रहने वाली बालिकाओं के साथ होने वाली हिंसा के मामलों की पहचान कर उन्हें कैसे रोका जाए और बालिकाओं की सुरक्षा कैसे की जाए जैसे तमाम मुद्दों पर आधारित रहा। कार्यक्रम में डॉ. प्रीति वर्मा ने ये भी कहा कि महिलाओं में बहुत अधिक जीवट क्षमताश्रद्धा की धनी होती है और वह घर से लेकर बाहर का काम बहुत ही सलीके से मैनेज करती हैं। बालिकाएं बिना डरे, निःसंकोच अपनी पूरी बात पुलिस को बता सकें। इसके लिए पिक पुलिसिंग का होना आज की आवश्यकता है। इसके साथ की डॉ प्रीति वर्मा ने महिलाओं की सशक्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कई तरह की सरकारी योजनाओं की चर्चा भी की। बता दें कि लखनऊ की सड़कों पर रहने वाले 11000 से अधिक बच्चों में सबसे अधिक प्रतिशत लड़कियों का है। सड़कों पर रहने वाली ये लड़कियां आए दिन हिंसा का सामना करती है,लेकिन इनमें से बहुत कम ही अपराधों की रिपोर्ट क्राइम में दर्ज हो पाती है।
कार्यक्रम में विशेष रूप से विकलांग लड़की सुमन जो इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। सुमन ने सुरक्षा और चुनौतियों के अभाव के अपने अनुभव को साझा किया। साथ ही एक एथलीट होने के अपने सपनों को प्राप्त करने और अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए उन्हें किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा उस दौर के कुछ पल भी साझा किए। सुमन ने ये भी बताया कि उन्होंने कैसे अपनी सभी बाधाओं को पार किया साथ ही एथलेटिक्स और बैडमिंटन में यूपी राज्य के लिए स्वर्ण और रजत पदक जीता। साथ ही कार्यक्रम में अभियान शक्ति और पिंक पुलिस द्वारा पीड़ितों के तहत किए गए कुछ सकारात्मक निवारणों को प्रदर्शित करने के लिए जिनके मामलों को सफलतापूर्वक संबोधित किया गया था उन पर भी प्रेजेंटेशन दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डीसीपी रुचिता चौधरी क्राइम्स अगेंस्ट वूमेन और शक्ति शक्ति नोडल और डॉ. प्रीति वर्मा सदस्य उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (UPSCPCR) द्वारा की गई थी। इस अवसर पर उषा विश्वकर्मा, प्रमुख रेड ब्रिगेड और अनीता सिंह वरिष्ठ वकील उच्च न्यायालय लखनऊ भी उपस्थित रही, जिन्होंने पिंक पुलिस को बच्चों के खिलाफ पास्को अपराधों के त्वरित निवारण और युवा लड़कियों व महिलाओं के साथ हिंसा के मामलों पर कानूनी कार्यवाही के लिए उन्मुख किया।
प्रस्तुत किया गया लड़कियों की सुरक्षा के लिए डिमांड चार्ट

कार्यक्रम में लड़कियों की सुरक्षा और सुरक्षा के मुद्दे पर मांग की गई। यह चार्ट बनाकर पुलिस, यूपीएससीपीसीआर, मीडिया और गैर सरकारी संगठनों को भी प्रस्तुत किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा और सुरक्षा की मांग जो सरकार द्वारा हर बच्चे और लड़की का अधिकार है।
ये है चार्ट

-लड़कियों के खिलाफ दुर्व्यवहार और हिंसा से मुक्त एक सुरक्षित वातावरण
-सड़क के किनारे शराब पीने और उपद्रव जैसी हिंसा जो लड़कियों और युवा महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ाता है। इसके लिए एक शांति पूर्ण समुदाय विकसित करना चाहिए।
-बाल विवाह का पूरी तरह से उन्मूलन
-कम उम्र में परिवार की जिम्मेदारी जो शिक्षा को बाधित करती है। इसका स्वयं चुनाव निर्णय लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
-मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता जिसके माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों में लड़कियों के लिए सेनेटरी पैड सुलभ हों और उस फेकने के लिए एक सही जगह होनी चाहिए।
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